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ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार आती है लेकिन इन सभी अमावस्याओं में सोमवती अमावस्या विशेष होती है। जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है इस बार 8 अप्रैल दिन सोमवार को अमावस्या तिथि पड़ रही है और इसी दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है जो कि एक महत्वपूर्ण घटना है।
सूर्य ग्रहण को धार्मिक और ज्योतिषीय नजरिए से अहम बताया गया है जिसका प्रभाव जन जीवन पर भी देखने को मिलता है। सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान व दान पुण्य के कार्य करना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से तमाम समस्याओं से राहत मिलती है और सुख समृद्धि आती है, आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अमावस्या पर लगने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल का समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल—
ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और 8 9 अप्रैल की मध्यरात्रि 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। रात्रि में लगने के कारण यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीहं देगा।
ग्रहण के दिखाई ना देने के कारण ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ऐसे में सोमवती अमावस्या की पूजा, स्नान दान व अन्य अनुष्ठान पर भी ग्रहण का कोई प्रभाव देखने को मिल मिलेगा। ऐसे में सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति सभी कार्य बिना किसी रुकावट और बाधा के पूर्ण कर सकते हैं।
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Tara Tandi
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