धर्म-अध्यात्म

कल बन रहा है शनि-पुष्य का शुभ योग, जानिए इसके उपाय

Tara Tandi
3 Jun 2022 9:20 AM GMT
Tomorrow the auspicious yoga of Shani-Push is being formed, know its remedies
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जून महीने का पहला शनिवार बेहद ही खास होने वाला है। ज्योतिष में सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे बढ़िया नक्षत्र माना गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जून महीने का पहला शनिवार बेहद ही खास होने वाला है। ज्योतिष में सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को सबसे बढ़िया नक्षत्र माना गया है। इस शनिवार के दिन बेहद ही दुर्लभ शनि पुष्य योग का संयोग बन रहा है। इस पूरे साल में यह संयोग एक बार ही बन रहा है।इस दिन रवियोग भी लग रहा है और शनि की चाल भी बदल रही है।शनि पुष्य योग को ज्योतिषशास्त्र में गुरु पुष्य योग के समान शुभ और दुर्लभ कहा गया है। इस संयोग में स्थायी संपत्ति की की खरीदारी या लंबे समय के लिए निवेश करना बेहद शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र में की गई पूजा और उपाय भी शुभ फल प्रदान करते हैं। इस बार कल यानी 4 जून, शनिवार को पुष्य नक्षत्र होने के कारण शनि-पुष्य का शुभ योग बन रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 3 जून को सायं 7 बजे से आरंभ होगा जो अगले दिन यानी 4 जून की रात लगभग 10 बजे तक रहेगा। इस दिन शनिदेव के कुछ आसान उपाय करने से आपके जीवन में आ रही समस्याओं से आपको समाधान मिलेगा। आइए जानते हैं क्या हैं उपाय।

शनि पुष्य योग समय
शनि पुष्य योग आरंभ: 3 जून, शुक्रवार, सायं 07 :05
शनि पुष्य योग समाप्त: 4 जून, शनिवार, रात्रि 09: 55
शनि-पुष्य नक्षत्र पर करें ये उपाय
शनि पुष्य के शुभ योग में काले काले घोड़े की नाल से अंगूठी बनावाकर अपनी मध्यमा उंगली में धारण करें। यदि संभव न हो तो किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर शनि का रत्न नीलम भी पहन सकते हैं।
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हनुमानजी की पूजा भी विशेष फलदाई बताई गई है। शनिवार को हनुमान चालीसा या हनुमान बाहु अष्टक का पाठ करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। ये उपाय हनुमानजी के मंदिर में बैठकर किया जाए तो और भी जल्दी शुभ फल मिलते हैं।
ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का पाठ करते हुए पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के पेड़ में मीठा दूध अर्पित करें और उसके नीचे बैठकर शनि स्तवराज का पाठ करें।
शनि पुष्य के शुभ योग में शनिदेव की पूजा करने के बाद उसी स्थान पर बैठकर शनि मंत्रों का जाप करें। शनिदेव के कुछ आसान मंत्र-
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः
ॐ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये
ॐ शं शनैश्चाराय नमः
शनिदेव का तिल के तेल से अभिषेक करें या पंडित से करवाएं। इसके बाद शनि शांति मंत्रों से हवन करवाएं। ये सब करने के बाद गरीबों, दिव्यांगों और अनाथों को भोजन करवाएं। कुष्ठ रोगियों को जूते-चप्पल, कंबल, तेल आदि का दान करें।
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए आप एक सरल उपाय और कर सकते हैं।शनि पुष्य योग के दिन लाल चंदन की माला को दिए ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र के साथ जप करने के बाद इस माला को धारण कर लें। इस उपाय से आपको शनिदेव के आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपकी मुश्किलें कम होंगी।
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