धर्म-अध्यात्म

कल पुत्रदा एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट

Tara Tandi
13 Aug 2021 12:38 PM GMT
कल पुत्रदा एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट
x
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं। एकादशी का पावन दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी डेट, पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट...

पुत्रदा एकादशी डेट

पुत्रदा एकादशी 18 अगस्त, 2021 को है।

इन राशियों पर कृपा बरसा रहे हैं देवगुरु, देखें क्या आप पर भी हैं बृहस्पति देव मेहरबान

पुत्रदा एकादशी मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 18, 2021 को 03:20 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त - अगस्त 19, 2021 को 01:05 ए एम बजे

पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 06:32 ए एम से 08:29 ए एम, 19 अगस्त

एकादशी व्रत पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

एकादशी व्रत महत्व

इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

यह व्रत संतान के लिए भी रखा जाता है।

इस व्रत को करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति भी होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति

पुष्प

नारियल

सुपारी

फल

लौंग

धूप

दीप

घी

पंचामृत

अक्षत

तुलसी दल

चंदन

मिष्ठान

Next Story