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कल विनायक चतुर्थी पर पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट लिख लें
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव हैं। कोई भी शुभ कार्य भगवान गणेश की पूजा के बाद ही शुरू होता है। हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस समय मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष होता है। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की …
भगवान गणेश प्रथम पूज्य देव हैं। कोई भी शुभ कार्य भगवान गणेश की पूजा के बाद ही शुरू होता है। हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस समय मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष होता है। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में…
मुहूर्त-
मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ - 10:30 पी एम, दिसम्बर 15
मार्गशीर्ष, शुक्ल चतुर्थी समाप्त - 08:00 पी एम, दिसम्बर 16
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।
विनायक चतुर्थी महत्व
इस पावन दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न दूर हो जाते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश की प्रतिमा
लाल कपड़ा
जनेऊ
कलश
नारियल
पंचामृत
पंचमेवा
गंगाजल
रोली
मौली लाल