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कल गुरुवार के दिन करें भगवान श्रीहरि विष्णु के इन मंत्रों का जाप, मनोकामना होगी पूरी
सनातन धर्म में गुरुवार के दिन भगवान श्रीहरि विष्णुजी की पूजा-उपासना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान नारायण के निमित्त व्रत-उपवास एवं पूजा करने से घर में सुख का आगमन होता है। ज्योतिष अविवाहित लड़कियों को शीघ्र शादी के लिए गुरुवार का व्रत करने की सलाह देते हैं। गुरु के बली होने से अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र होती है। साथ ही करियर और कारोबार में तरक्की और उन्नति मिलती है। वैदिक काल से गुरुवार के दिन महिलाएं सुख और सौभाग्य समेत पुत्र प्राप्ति हेतु भगवान विष्णु की पूजा करती आ रही हैं। आइए, गुरुवार की पूजा विधि और मंत्र जानते हैं-
बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र-
1.
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
2.
-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
3.
ध्यान मंत्र:
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
4.
बृहस्पति विनियोगा मंत्र:
ॐ अस्य बृहस्पति नम:
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम:
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम:
ॐ बृं बीजाय नम:
ॐ शक्तये नम:
ॐ विनियोगाय नम:
5.
गुरु का वैदिक मंत्र:
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु।
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
गुरुवार पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान कर पीले रंग का वस्त्र (कपड़े) पहनें। अब भगवान भास्कर को अर्घ्य दें। इसके बाद भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा पीले पुष्प, पीले फल एवं मिठाई, धूप-दीप, चंदन, कुमकुम, तांदुल, पान-सुपारी आदि चीजों से करें। भगवान विष्णु जी को पीला रंग अति प्रिय है। अत: पीले रंग के फल और मिठाई जैसे केला, संतरा, लड्ड़ु आदि भेंट करें। विधिवत पूजा कर उपरोक्त मंत्रों का जाप करें