धर्म-अध्यात्म

कल हैं वरद चतुर्थी व्रत..... जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व पूजन सामग्री लिस्ट

Bhumika Sahu
5 Jan 2022 5:47 AM GMT
कल हैं वरद चतुर्थी व्रत..... जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व पूजन सामग्री लिस्ट
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी तिथि के दिन विघ्नहर्ता की विधि-विधान से पूजन करने पर मनोकामनाएं पूरी होती है। हिंदू धर्म में गणेश भगवान की पूजा के बाद ही शुभ व मांगलिक कार्य की शुरुआत होती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में कृष्ण व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजन का विधान है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं। इस बार पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन भगवान श्री गणेश का विधि-विधान के साथ पूजन किया जाएगा। इस दिन को वरद चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चतुर्थी तिथि के दिन विघ्नहर्ता की विधि-विधान से पूजन करने पर मनोकामनाएं पूरी होती है। हिंदू धर्म में गणेश भगवान की पूजा के बाद ही शुभ व मांगलिक कार्य की शुरुआत होती है।
वरद चतुर्थी शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 5 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी, जो कि 6 जनवरी की दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। पूजन का समय 6 जनवरी को 11 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 29 मिवट तक रहेगा।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा अतिप्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।
विनायक चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश की प्रतिमा
लाल कपड़ा
जनेऊ
कलश
नारियल
पंचामृत
पंचमेवा
गंगाजल
रोली
मौली लाल


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