धर्म-अध्यात्म

कल है Tulsidas Jayanti, पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

Tara Tandi
14 Aug 2021 2:11 PM GMT
कल है Tulsidas Jayanti,  पढ़ें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
x
हर साल सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर तुलसीदास का जन्मोत्सव मनाया जाता है

हर साल सावन माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर तुलसीदास का जन्मोत्सव मनाया जाता है। तुलसीदास जी का जन्म 16वीं सदी में हुआ था। इस साल 15 अगस्त को तुलसीदास जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। तुलसीदास जी ने कई ग्रंथों की रचना की। श्री रामचरितमानस की रचना कर गोस्वामी तुलसीदास हमेशा के लिए अमर हो गए। आइए जानते हैं तुलसीदास जी के जीवन से जुड़ी खास बातें....

हनुमान जी को गुरु माना

श्राी राम भक्त हनुमान जी को तुलसीदास का अध्यात्मिक गुरू कहा जाता है। महाबलि हनुमान की उपासना के लिए भी तुलसी दास ने विभिन्न रचनाएं लिखी हैं। जिनमें हनुमान चालिसा और बजरंग बाण आदि प्रमुख हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी को गुरु माना था। गोस्वामी तुलसीदास ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा की रचना की थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

15 अगस्त के बाद चमक उठेगा इन राशियों का भाग्य, नहीं रहेगी किसी चीज की कमी, हर जगह से होगा लाभ

कष्टों से भरा रहा था बचपन

गोस्वामी तुलसीदास का जन्म बचपन में कष्टों से भरा रहा। तुलसीदास जी की माता की मृत्यु के बाद उनके पिता ने उन्हें त्याग दिया था।

पत्नी की कड़वी बातों ने बदल दिया जीवन

तुलसीदास जी को पत्नी रत्नावली से अत्यंत लगाव था। एक बार तुलसीदास ने अपनी पत्नी से मिलने के लिए उफनती नदी को भी पार कर लिया था। तब उनकी पत्नी ने उन्हें उपदेश देते हुए कहा जितना प्रेम आप मुझसे करते है, उतना स्नेह यदि प्रभु राम से करते, तो तुम्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती। यह सुनते ही तुलसीदास की चेतना जागी और उसी समय से वह प्रभु राम की वंदना में जुट गए।

शुक्र देव 9 सितंबर तक कन्या राशि में रहकर इन राशियों पर डालेंगे शुभ- अशुभ प्रभाव, देखें अपनी राशि का हाल

अंतिम समय काशी में व्यतीत किया

तुलसीदास जी ने अपना अंतिम समय काशी में व्यतित किया और वहीं राम जी के नाम का स्मरण करते हुए अपने शरीर का त्याग किया।

गोस्वामी तुलसीदास जी ने 12 ग्रंथों की रचना की-

महान ग्रंथ श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने कुल 12 ग्रंथों की रचना की। सबसे अधिक ख्याति उनके द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को मिली। श्रीरामचरितमानस के बाद हनुमान चालीसा उनकी लोकप्रिय रचना है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ग्रंथों में श्रीरामचरितमानस, कवितावली, जानकीमंगल, विनयपत्रिका, गीतावली, हनुमान चालीसा, बरवै रामायण इत्यादि प्रमुख हैं।

Next Story