धर्म-अध्यात्म

कल है साल की आखिरी 'दुर्गा अष्टमी', मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये विधि

Tulsi Rao
11 Dec 2021 2:02 PM GMT
कल है साल की आखिरी दुर्गा अष्टमी, मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें ये विधि
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मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Durga Ashtami 2021: 11 दिसंबर 2021 को साल की आखिरी दुर्गाष्टमी है. इस दिन कुंभ राशि में गजकेसरी योग बन रहा है. इस दिन मां की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है. मां के भक्तों के लिए शनिवार का दिन खास है. इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है. मां दुर्गा की पूजा जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने में सहायक मानी गई है.

हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है. मासिक दुर्गाष्टमी को दुर्गाष्टमी, मास दुर्गाष्टमी और महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी के शुभ मुहूर्त और किए जाने वाले उपायों के बारे में.
मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी का आरम्भ- 10 दिसंबर 2021 शनिवार को शाम 7 बजकर 9 मिनट से.
मासिक दुर्गाष्टमी की समाप्ति- 11 दिसंबर 2022 रविवार को शाम 7 बजकर 12 मिनट तक.
पूजा विधि
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद सबसे पहले लाल रंग का वस्त्र पहन कर और लाल रंग का तिलक लगाकर तांबे के पात्र से सूर्य देवता को अर्ध्य देना चाहिए. इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो चन्दन की चौकी पर रखना चाहिए. इसके बाद मां की मूर्ति पर लाल रंग का पुष्प चढ़ाकर धूप और दीप जलाना चाहिए. इसके साथ ही मां को 16 श्रृंगार का सामान भी चढ़ाना चाहिए. इसके बाद मां दुर्गा की ज्योति जलाकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय दुर्गा सप्तसती का पाठ करना चाहिए. सप्तसती का पाठ करने के बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए-
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चै'
पूजा के बाद में मां को चढ़ाए गए 16 श्रृंगार की चीजें किसी सुहागन या मां दुर्गा के मंदिर में दे देना चाहिए. ऐसा करने से घर की रूठी हुई खुशियां दोबारा वापस आने लगती हैं.
मां दुर्गा की पूजा के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
घर में सुख और समृद्धि के लिए मां की ज्योति आग्नेय कोण में जलाना चाहिए.
पूजा करने वाले का मुख पूजा के समय पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए.
पूजा के समय पूजा का सामान दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए.
इस दिन कभी न करें ये गलतियां: .मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि पूजा में तुलसी, आंवला, दूर्वा, मदार और आक के पुष्प का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
घर में कभी एक से अधिक मां दुर्गा की प्रतिमा या फोटो नहीं रखना चाहिए.


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