धर्म-अध्यात्म

कल है आखिरी बड़ा मंगल, इन 5 उपायोंको करने से होगी आप की तरक्की

Tara Tandi
21 Jun 2021 1:51 PM GMT
कल है आखिरी बड़ा मंगल, इन 5 उपायोंको करने से होगी आप की तरक्की
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हर साल ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़े मंगल के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हर साल ज्येष्ठ माह के मंगलवार को बड़े मंगल के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. लखनऊ में इसका खासतौर पर बड़ा आयोजन होता है. जगह जग​ह विशाल भंडारे होते हैं. माना जाता है कि बड़े मंगल पर हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा करने पर बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं. 22 अप्रैल को साल 2021 का आखिरी बड़ा मंगल है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, बड़े मंगल के ऐसे उपाय जो आपके लिए तरक्की के नए रास्ते खोलेंगे और हर संकट को दूर करेंगे.

1- मनोकामना पूर्ति के लिए : अगर आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है तो बड़े मंगल के दिन हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं. उन्हें गुलाब की माला अर्पित करें और भोग लगाएं. इसके बाद अपनी कामना को प्रभु से कहते हुए बजरंग बाण का पाठ करें. इससे हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
2- संकट को टालने के लिए : किसी बड़े संकट से घिरे हुए हैं तो इसे टालने के लिए हनुमान जी को केवड़े का इत्र अर्पित करें और गुलाब के फूल चढ़ाएं. इसके बाद 108 बार प्रभु श्रीराम का नाम लें और हनुमान जी से अपने संकट को टालने की प्रार्थना करें.

3- तरक्की के लिए : यदि काफी प्रयासों के बाद भी आपकी तरक्की नहीं हो पा रही है तो बड़े मंगल के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुंह करके राम नाम की 11 माला जाप करें. इसके बाद प्रभु से अपनी भूल चूक की क्षमा मांगते हुए कृपा दृष्टि डालने की प्रार्थना करें.
4- मंगल दोष खत्म करने के लिए : मंगलवार के दिन हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाने से मंगल दोष समाप्त होता है. साथ ही बड़े से बड़ा संकट दूर हो जाता है. नौकरी में प्रमोशन के रास्ते खुलते हैं.

5- खुशहाली के लिए : हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए और घर की खुशहाली के लिए मंगलवार के दिन किसी राम मंदिर में जाकर अपने दाएं हाथ के अंगूठे से हनुमान जी के मस्तक का तिलक लेकर सीता माता के चरणों में लगा दें. इससे हनुमान बाबा अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सारे संकट दूर करते हैं, जिससे परिवार में खुशहाली आती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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