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कल यानी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है।
कल यानी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस दिन पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है। वैसे तो हर वर्ष 24 एकादशी आती हैं। इस तरह हर माह 2 एकादशी आती है और हर एकादशी का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। माह की एक एकादशी कृष्ण पक्ष में तो दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। हर वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापों को हरने वाली एकादशी कहा जाता है। इस व्रत और तिथि का महत्व अत्याधिक माना गया है। तो आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और महत्व।
पापमोचनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त:
एकादशी तिथि आरंभ- 07 अप्रैल 2021, बुधवार, रात 02 बजकर 09 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 08 अप्रैल 2021, गुरुवार, रात 02 बजकर 28 मिनट पर
हरिवासर समाप्ति समय- 08 अप्रैल 2021, गुरुवार, सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर
एकादशी व्रत पारण समय- 08 अप्रैल 2021, गुरुवार, दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक
पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में मौजूद हर तरह के पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। जो व्यक्ति यह व्रत पूरे विधि-विधान के साथ करता है उसे बड़े से बड़े यज्ञों के समान फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का महत्व हजार गायों के दान के बराबर ही माना गया है। पापमोचनी एकादशी का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा होता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म हत्या, सुवर्ण चोरी, सुरापान और गुरुपत्नी गमन जैसे महापाप भी इस व्रत को करने से समाप्त हो जाते हैं।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
Triveni
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