- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- कल है मासिक...
धर्म-अध्यात्म
कल है मासिक शिवरात्रि,जानें शिव पूजा का शुभ मुहूर्त
Kajal Dubey
29 March 2022 2:15 AM GMT
x
पंचांग के अनुसार, 30 मार्च दिन बुधवार को चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पंचांग के अनुसार, 30 मार्च दिन बुधवार को चैत्र माह की मासिक शिवरात्रि है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव शंकर की पूजा करते हैं, उनका अभिषेक होता है, उनके पसंद की वस्तुएं चढ़ाई जाती है. पूजा के दौरान शिवरात्रि व्रत कथा पढ़ते हैं या सुनते हैं. शिवरात्रि की पूजा प्रात:काल से ही शुरु हो जाती है, हालांकि शिवरात्रि में रात्रि प्रहर की पूजा होती है. शिवरात्रि पर आप भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति को सुखमय जीवन प्राप्त होता है. पंचांग के आधार पर हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है. जानते हैं शिव पूजा का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat), तिथि (Masik Shivratri Date 2022) आदि के बारे में.
मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा मुहूर्त
हिंन्दू कैलेंडर के अनुसार, 30 मार्च को दोपहर 01:19 बजे से चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो रही है. चैत्र कृष्ण चतुर्दशी तिथि अगले दिन 31 मार्च को दोपहर 12:22 बजे तक है. उदयातिथि के आधार पर मासिक शिवरात्रि व्रत 30 मार्च को रखा जाएगा.
चैत्र मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:02 बजे से लेकर 12:48 बजे तक है. मासिक शिवरात्रि की रात्रि प्रहर की पूजा शुक्ल योग में और दिन की पूजा शुभ योग में है. मासिक शिवरात्रि को शुभ योग प्रात:काल से लेकर 01 बजकर 02 मिनट तक है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा. ये दोनों ही योग शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे योग हैं.
शिव पूजा
मासिक शिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में प्रात:काल से ही भक्त आने लगते हैं. इस दिन भगवान शिव को गंगाजल एवं गाय के दूध से अभिषेक करते हैं. मासिक शिवरात्रि को रुद्राभिषेक भी किया जाता है, इससे दुख, रोग, दोष आदि दूर होते हैं. रुद्राभिषेक के लिए दिन में शिव वास देखा जाता है. शिवरात्रि तो शिव पूजन के लिए ही समर्पित है.
शिवरात्रि पर भगवान शिव को बेलपत्र, शमी का पत्ता, भांग, धतूरा, सफेद फूल आदि अर्पित करके पूजा करें, महादेव आप पर प्रसन्न होंगे. शिवरात्रि की व्रत कथा पढ़ने से व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है और आपको शिवरात्रि का महत्व भी पता चलता है.
Next Story