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हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं हैं एक आता है तो दूसरा जाता हैं इन्हीं में से एक हलषष्ठी व्रत है जो बेहद ही खास माना जाता हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर हलछठ का त्योहार मनाया जाता हैं। इस बार यह पर्व 5 सितंबर को मनाया जाएगा।
इसे हलषष्ठी, ललई छठ, हलछठ और ललही छठ के नाम से जाना जाता हैं जो कि भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित होता हैं मान्यता है कि इसी दिन बलराम का जन्म हुआ था। यह व्रत संतान की लंबी आयु और उनकी सुख संपन्नता के लिए किया जाता हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा करने से पुत्र पर आने वाला हर संकट दूर हो जाता हैं तो आज हम आपको हलषष्ठी व्रत के दिन पूजा पाठ का शुभ समय बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
हलषष्ठी पूजा का मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 4 सितंबर को शाम 4 बजकर 41 मिनट पर हो रहा हैं। जिसका समापन अगले दिन यानी 5 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि की मानें तो इस साल हलषष्ठी व्रत 5 सितंबर को ही रखना उत्तम रहेगा।
इस पावन दिन पर पूजा पाठ दिन भर किया जा सकता हैं। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से पूजा और व्रत करती हैं मान्यता है कि ऐसा करने से संतान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही जीवन में खुशहाली आती हैं।
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