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- कल है भड़ली नवमी
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सनातन धर्म में शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त देखना जरूरी माना जाता हैं मान्यता है कि अगर शुभ मुहूर्त में इन कार्यों को किया जाए तो उत्तम फल मिलता हैं लेकिन अगर यही काम बिना मुहूर्त या फिर अशुभ समय में किया जाए तो इसका कोई लाभ नहीं मिलता हैं लेकिन धार्मिक नजरिएं से कुछ ऐसे दिन होते हैं।
जो बेहद शुभ माने जाते हैं और इन दिनों में बिना मुहूर्त देखें मांगलिक कार्य पूर्ण किए जा सकते हैं इन्हीं में से एक भड़ली नवमी। जो कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाया जाता हैं भड़ली नवमी को बेहद शुभ दिन माना जाता हैं ऐसे में इस दिन बिना मुहूर्त देखे किसी भी नए कार्य की शुरुआत व मांगलिक कार्य को पूर्ण किया जा सकता हैं तो आज हम आपको इस दिन से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भड़ली नवमी का दिन शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेउ संस्कार आदि कामों के लिए बेहद ही शुभ माना जाता हैं क्योंकि भड़ली नवमी को अबूझ मुहूर्त माना गया हैं। मान्यता है कि इस दिन पर अगर इन कार्यों को किया जाए तो इसका पूर्ण फल मिलता हैं और काम बिना किसी बाधा व परेशानी के पूरा हो जाता हैं।
भड़ली नवमी का अबूझ मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 27 जून को सुबह 2 बजकर 4 मिनट पर हो रहा हैं और अगले दिन यानी की 28 जून को सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में इस पूरे दिन आप किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखें कर सकते हैं।
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