धर्म-अध्यात्म

कल है आंवला नवमी, जानिए क्यों मनाई जाती है आंवला नवमी? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि

Renuka Sahu
11 Nov 2021 5:42 AM GMT
कल है आंवला नवमी, जानिए क्यों मनाई जाती है आंवला नवमी? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि
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फाइल फोटो 

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाते हैं। आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाते हैं। आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं। इस साल आंवला नवमी 12 नवंबर, शुक्रवार को है। हिंदू धर्म में आंवला नवमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन दान करने से पुण्य का फल इस जन्म के साथ अगले जन्म में भी मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है।

आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करते हुए परिवार की खुशहाली और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। इसके साथ ही इस दिन वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन किया जाता है। प्रसाद के रूप में भी आंवला खाया जाता है।
जानिए क्यों मनाते हैं आंवला नवमी-
मान्यता है कि इस दिन द्वापर युग का प्रारंभ होता है। द्वापर युग में भगवान विष्णु के आठवें अवतार प्रभु श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन गोकुल की गलियों को छोड़कर मथुरा की ओर प्रस्थान किया था। इसी वजह से वृंदावन परिक्रमा की जाती है।
आंवला नवमी 2021 शुभ मुहूर्त-
12 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक पूजन का शुभ मुहूर्त है।
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नवमी तिथि प्रारंभ-
12 नवंबर 2021, दिन शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 13 नवंबर, शनिवार को सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।
आंवला नवमी पूजन विधि-
1. आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है।
2. हल्दी, कुमकुम आदि से पूजा करने के बाद जल और कच्चा दूध वृक्ष पर अर्पित करें।
3. इसके बाद आंवले के पेड़ की परिक्रमा करें।
4. तने में कच्चा सूत या मौली आठ बार लपेटें।
5. पूजा के बाद व्रत कथा पढ़ी या सुनी जाती है।


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