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कल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि को अमालकी एकादशी मनाई जाती है।
कल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि को अमालकी एकादशी मनाई जाती है। हर एकादशी तिथि की तरह यह तिथि भी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर ग्याहरवी तिथि को एकादशी मनाई जाती है। यह तिथि हर मास में दो बार आती है। एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में। अमालकी एकादशी की बात करें तो इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। क्योंकि यह होली से एक दिन पहले आती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति आमलकी एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ रखता है उसे भगवान विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी का शुभ मुहूर्त और महत्व।
आमलकी एकादशी 2021 मुहूर्त:
एकादशी तिथि का प्रारंभ- 24 मार्च, बुधवार को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 25 मार्च, गुरुवार को 09 सुबह 47 मिनट तक
एकादशी व्रत पारण का समय- 26 मार्च, शुक्रवार को सुबह 06:18 बजे से 08:21 बजे तक
आमलकी एकादशी का महत्व:
आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि की पूजा की जाती है। अमालकी का अर्थ आंवला होता है। मान्यता है कि श्री हरि ने आंवले को आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया था। इसी के चलते आंवले के पेड़ के हर अंग में ईश्वर का वास माना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। साथ ही श्री हरि विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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