धर्म-अध्यात्म

माघ माह की दुर्गाष्टमी कल, जानिए पूजन विधि और महत्व

Subhi
8 Feb 2022 2:07 AM GMT
माघ माह की दुर्गाष्टमी कल, जानिए पूजन विधि और महत्व
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हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। हिंदू धर्म में मां दुर्गा की उपासना करने का विशेष महत्व होता है। अष्टमी तिथि पर दुर्गा उपासना करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा की आराधना की जाती है। हिंदू धर्म में मां दुर्गा की उपासना करने का विशेष महत्व होता है। अष्टमी तिथि पर दुर्गा उपासना करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि हर माह की अष्टमी तिथि पर पूजा-अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करती हैं। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व तिथि और पूजन विधि के बारे में।

वैसे तो प्रत्येक माह की अष्टमी का महत्व है। लेकिन माघ माह की दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है। गुप्त नवरात्रि के कारण माघ माह की दुर्गा अष्टमी का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन जो साधक साधना करते हैं उनकी हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। मां दुर्गा अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को पूरे समर्पण के साथ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दिन देवी के कई मंत्रों का जप करना और दुर्गा चालीसा का पाठ किया जाता है।

मासिक दु्र्गाष्टमी: मां दुर्गा का कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।

मासिक दु्र्गाष्टमी: मां दुर्गा का कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें। - फोटो : istock

मासिक दुर्गाष्टमी पूजन विधि

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा स्थल की साफ सफाई कर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।

अब पूजाघर में गंगाल जल का छिड़काव करें। एक चौकी पर लाल रंग का आसान बिछाकर उस पर दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित करें।

इसके बाद माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और मां दुर्गा के सामने धूप दीप प्रज्वलित करें।

इसके उपरांत मां दुर्गा का कुमकुम, अक्षत से तिलक करें और मौली, लाल पुष्प लौंग कपूर आदि से विधि पूर्वक पूजन करें।

इसके ऊपर पान के ऊपर सुपारी और इलायची रखकर चौकी पर मां दुर्गा के सामने रखें।

इसके बाद भोग स्वरूप उन्हें मिष्ठान अर्पित करें।

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