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26 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र की तैयारी अधिकतर घरों में हो चुकी है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ शारदीय नवरात्र आरंभ हो जाएंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा पाठ करने का विधान है। हिंदू धर्म में नवरात्र का काफी अधिक महत्व है। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ कलश स्थापना की जाती है। इसके साथ ही नवमी तिथि को पूजा करने के बाद शुभ मुहूर्त पर नवरात्र का पारण किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्र काफी शुभ संयोग में पड़ रही है। जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और खास संयो
शारदीय नवरात्र पर बन रहा खास संयोग
इस साल शारदीय नवरात्र सोमवार के दिन शुरू हो रहा है। जो काफी शुभ माना जाता है। 26 सितंबर के दिन सोमवार पड़ने के साथ-साथ शुक्ल और ब्रह्न योग बन रहा है। इस शुभ योग में मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होगी।
इस तरह धरती में आएगी मां दुर्गा
हर साल नवरात्र के दिन मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों में सवार होकर धरती में पधारती हैं। बता दें कि मां दुर्गा के वाहनों की गणना सप्ताह के दिन के हिसाब से होती है। इस साल शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू होने के कारण मां हाथी में सवार होकर आ रही है। इस वाहन से आना शुभ माना जाता है। हाथी की सवारी का मतलब है कि अधिक वर्षा होना। पृथ्वी में हर जगह हरियाली और खुशहाली होगी।
शारदीय नवरात्र 2022 कब से शुरू
आश्विन मास की प्रतिपदा आरंभ- 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 22 मिनट पर शुरू
आश्विन मास की प्रतिपदा समाप्त- 27 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 09 मिनट पर समाप्त
दुर्गा अष्टमी- नवरात्र की अष्टमी तिथि 3 अक्टूबर 2022
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
26 सितंबर से मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इसके साथ ही घट स्थापना का भी विधान है।
घटस्थापना सुबह का मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 55 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक
शारदीय नवरात्र 2022: 28 सितंबर 2022 शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि पद रही है।