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धर्म-अध्यात्म
इस दिशा में नहीं बनाना चाहिए टॉयलेट, होता है सकारात्मक ऊर्जा का वास
Rani Sahu
13 April 2022 10:29 AM GMT
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वास्तु शास्त्र में हर कार्य के लिए अलग-अलग दिशाओं के बारे में बताया गया है
Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र में हर कार्य के लिए अलग-अलग दिशाओं के बारे में बताया गया है. जिस प्रकार पूजा-पाठ के लिए पूर्व-उत्तर की दिशा यानी ईशान कोण को सबसे अच्छा माना जाता है, उसी प्रकार से और भी दूसरे कार्यों के लिए खास का जिक्र किया गया है. वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि घर की किस दिशा में टॉयलेट नहीं होना चाहिए.
वास्तु शास्त्र में है 5 तत्वों का जिक्र
वास्तु शास्त्र में 5 तत्वों का जिक्र है. जिसमें अग्नि, वायु, जल, आकाश और पृथ्वी शामिल हैं. वास्तु शास्त्र के जानकार मानते हैं कि इन 5 तत्वों का संतुलन बेहद जरूरी है. अगर इन तत्वों का संतुलन नहीं बनता है तो घर में अनेक प्रकार के वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं.
इस दिशा में नहीं होना चाहिए टॉयलेट
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान कुबेर का स्थान है. वहां पर किसी भी प्रकार की गलत ऊर्जा आर्थिक उन्नति में बाधा उत्पन्न करती है. ऐसे में घर में धन का आगमन रुक जाता है. वास्तु शास्त्र के जानकारों का मानना है कि वहां पर भूलकर भी टॉयलेट नहीं बनाना चाहिए. कई बार उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल या कोई भारी फर्नीचर के सामान रखते हैं. वास्तु के मुताबिक ये स्थिति सही नहीं है. अगर ऐसा है तो उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए.
उत्तर-पूर्व की दिशा को रखें साफ
वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर-पूर्व की दिशा को बिल्कुल साफ-सुथरा रखना चाहिए. ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे. इस स्थान पर एक आईना या कुबेर यंत्र लगा सकते हैं. इसके अलावा अगर घर के उत्तर दिशा में दीवार हो तो उस स्थान पर आईना रख सकते हैं. दरअसल ऐसा करने से घर में आर्थिक उन्नति के मौके बनते हैं.
Rani Sahu
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