- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- आज का पंचाग, जानें शुभ...
धर्म-अध्यात्म
आज का पंचाग, जानें शुभ मुहर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय
Apurva Srivastav
21 April 2024 1:38 AM GMT
x
नई दिल्ली : राष्ट्रीय मिति वैशाख 01, शक संवत 1946, चैत्र शुक्ल, त्रयोदशी, रविवार, विक्रम संवत 2081। सौर वैशाख मास प्रविष्टे 09, शव्वाल 11, हिजरी 1445 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 21 अप्रैल सन् 2024 ई। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतुः। राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक।
त्रयोदशी तिथि अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 12 मिनट तक उपरांत चतुर्दशी तिथि का आरंभ। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सायं 05 बजकर 08 मिनट तक उपरांत हस्त नक्षत्र का आरंभ। व्याघात योग अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 44 मिनट तक उपरांत हर्षण योग का आरंभ। कौलव करण पूर्वाह्न 11 बजकर 57 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात कन्या राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार प्रदोष व्रत, अनंत चतुर्दशी, श्री महावीर जयंती (जैन), शक वैशाख प्रारंभ।
सूर्योदय का समय 21 अप्रैल 2024 : सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 21 अप्रैल 2024 : शाम 6 बजकर 50 मिनट तक।
आज का शुभ मुहूर्त 21 अप्रैल 2024 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 21 मिनट से 5 बजकर 5 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 41 तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 49 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक। अमृत काल सुबह 9 बजकर 4 मिनट से 10 बजकर 42 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 21 अप्रैल 2024 :
राहुकाल शाम में 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक। दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल शाम में 5 बजकर 6 मिनट से 5 बजकर 58 मिनट तक।
आज का उपाय : रविवार को घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जला
Tagsआज पंचागशुभ मुहर्तसूर्योदय-सूर्यास्तसमयToday's calendarauspicious timesunrise-sunsettimeजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Apurva Srivastav
Next Story