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धर्म-अध्यात्म
आज ये लोग करें दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ, दूर होगी हर समस्या
Manish Sahu
12 Aug 2023 5:09 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म में एकादशी का खासा महत्व है. कष्ट निवारण के लिए इस दिन को सबसे उत्तम माना जाता है. प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है. एक कृष्णपक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में. यानी वर्ष भर मे 24 एकादशी. वहीं अधिकमास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त को है. इसे परमा एकादशी कहा जाता है. इस व्रत रखने से दुख, दरिद्रता की समाप्ति होती है. 12 अगस्त को अधिकमास की दूसरी एकादशी है. इसे परमा एकादशी बोलते हैं. प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व है. वही इस बार एकादशी शनिवार को है. ऐसे में यदि शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो परमा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें. मान्यता है इससे शनि के प्रकोप से मुक्ति प्राप्त होती है.
दशरथ कृत शनि स्तोत्र:-
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरुमे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।
Manish Sahu
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