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धर्म-अध्यात्म
आज राधारानी के गांव बरसाना से फाग आमंत्रण भेजा जाएगा नंदगांव
Kajal Dubey
10 March 2022 3:09 AM GMT
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आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है.
जनता से रिश्ता वेबडेसक। आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. आज राधारानी के गांव बरसाना (Barsana) से फाग आमंत्रण (Faag Amantran) यानी होली खेलने का निमंत्रण भगवान श्रीकृष्ण के गांव नंदगांव (Nandgaon) भेजा जाएगा. बरसाना के लाडली जी के मंदिर से एक दासी होली खेलने का निमंत्रण लेकर नंदगांव में नंद भवन जाती है. वह अपने मटके में इत्र-फुलेल, पान का बीड़ा, गुलाल, प्रसाद आदि लेकर नंदगांव पहुंचती है, जहां पर उसका भव्य स्वागत होता है. फाग निमंत्रण में आए गुलाल को नंदगांव के सभी घरों में भेजा जाता है. इस होली निमंत्रण का महत्व इसलिए है क्योंकि इस निमंत्रण पर ही नंदगांव के हुरयारे बरसाना में होली खेलने जाते हैं, जो लट्ठमार होली (Lathmar Holi) के नाम से प्रसिद्ध है. स्वागत सत्कार के बाद राधाजी की दासी नंदगांव से बरसाना लौट आती है.
फाग आमंत्रण की स्वीकृति
होली निमंत्रण की स्वीकृति का संदेशा उसी दिन दोपहर बाद नंदगांव से बरसाना भेजा जाता है. नंदभवन से एक पांडा होली निमंत्रण की स्वीकृति का संदेश लेकर बरसाना के लाडली जी यानी राधाजी के महल में पहुंचता है. लाडली जी के मंदिर में उस पांडा का भव्य स्वागत होता है. होली निमंत्रण की स्वीकृति में उत्सव का आयोजन होता है.
लड्डू होली
इस दौरान नंदगांव से आए पांडा को लड्डू खाने को दिया जाता है. होली निमंत्रण की स्वीकृति से खुश होकर गोपियां पांडा को रंग गुलाल लगाती हैं, पांडा अपने प्रेम का प्रकाट्य उन लड्डुओं को लुटाकर करता है. वह राधाकृष्ण की भक्ति में इस कदर डूबा होता है कि वह नृत्य करने लगता है और लड्डुओं को गोपियों पर लुटाने लगता है.
देखते ही देखते कई टन लड्डू लाडली जी के मंदिर में लुटा दिए जाते हैं. लड्डुओं की यह होली अपने आप में सबसे अनोखी है. वहां आए श्रद्धालु उन लड्डुओं को प्रसाद स्वरुप ग्रहण करके स्वयं को धन्य मानते हैं और राधाकृष्ण की भक्ति और प्रेम में आकंठ डूब जाते हैं.
मथुरा क्षेत्र में फूलैरा दूज से होली की तैयारियां शुरु हो जाती हैं. होली निमंत्रण की स्वीकृति के साथ ही होली का प्रारंभ हो जाता है. फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लड्डू होली, लट्ठमार होली और रंगों की होली क्रमश: मनाई जाती है.
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