धर्म-अध्यात्म

आज विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व

Subhi
7 Dec 2021 3:16 AM GMT
आज विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व
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हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज 07 दिसंबर 2021 और दिन मंगलवार है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज 07 दिसंबर 2021 और दिन मंगलवार है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के व्रत और पूजन का विधान है। विनायक चतुर्थी के मंगलवार के दिन पड़ने के कारण अंगारकी विनायक चतुर्थी का संयोग का भी निर्माण हुआ है। इस दिन भगवान गणेश के साथ मंगल ग्रह की पूजा करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही मंगलवार का दिन हनुमान जी को भी समर्पित है। इस दिन हनुमान जी का पूजन करने से जीवन के सभी संकट और बाधाएं दूर होती हैं।इसके साथ ही आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल के अलावा सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय, चंद्रास्त आदि के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।


आज का पंचांगः

7 दिसंबर 2021 का पंचांग

आज का दिशाशूल: उत्तर।

आज का पर्व एवं त्योहार: गणेश चतुर्थी व्रत।

आज की भद्रा: दोपहर 01:03 बजे से रात्रि के 11:41 बजे तक।

विशेष: विष योग।

सूर्योदय और सूर्यास्त

आज के दिन सूर्योदय प्रात:काल 07 बज कर 01 मिनट पर होगा , वहीं सूर्यास्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट पर होगा।

चंद्रोदय और चंद्रास्त

चंद्रोदय आज प्रातः 10 बजकर 10 मिनट पर होना है। चंद्र के अस्त का समय अगले दिन शाम को 08 बजकर 40 मिनट पर है।

आज का शुभ समय

शुभ योग: आज वृद्धि योग 16 घंटे 23 मिनट तक, तत्पश्चात् धु्रव योग रहेगा।

ब्रह्म मुहूर्तः प्रातः 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक।

अमृत काल: आज शाम को 06 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 49 मिनट तक।

कल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इस पंचमी को विवाह पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्री राम और माता जानकी का विवाह हुआ था। इस दिन सीता-राम के विवाह का आयोजन किया जाता है और उनका पूजन करने का विधान है। ऐसा करने से विवाह में आने वाली बाधांए दूर होती है और सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है।

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