धर्म-अध्यात्म

आज चैत्र माह की विनायक चतुर्थी है,जानें पूजा विधि, मंत्र एवं मुहूर्त के बारे में

Kajal Dubey
5 April 2022 1:32 AM GMT
आज चैत्र माह की विनायक चतुर्थी है,जानें पूजा विधि, मंत्र एवं मुहूर्त के बारे में
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आज की विनायक चतुर्थी सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज चैत्र माह की विनायक चतुर्थी है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 अप्रैल को दोपहर 01:54 बजे से शुरु हो गई थी, जो आज 03:45 पीएम तक मान्य है. आज की विनायक चतुर्थी सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में है. सुबह से ही प्रीति योग है, जो 08 बजे तक है, उसके बाद से आयुष्मान योग है. ऐसे में आज चतुर्थी व्रत रखने आपके कार्य सफल होंगे, गणेश जी के आशीर्वाद से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि, मंत्र एवं मुहूर्त के बारे में.

विनायक चतुर्थी 2022 मुहूर्त
आज आप विनायक चतुर्थी का व्रत हैं, तो आपको दिन में 11 बजकर 09 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट के बीच विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा कर लेनी चाहिए. यह विनायक चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त है.
इस दौरान ​सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बना हुआ है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शाम 04 बजकर 52 मिनट तक है. इस अवधि में रवि योग भी बना हुआ है. ये दोनों ही योग शुभ माने जाते हैं. आज का अभिजित मुहूर्त दिन में 11:59 बजे से लेकर दोपहर 12:49 बजे तक है. आज का राहुकाल 03:33 पीएम से लेकर 05:07 पीएम तक है.
विनायक चतुर्थी पूजा विधि एवं मंत्र
1. आज प्रात: स्नान आदि के बाद पूजा स्थान को साफ कर लें. फिर अक्षत्, जल और फूल लेकर विनायक चतुर्थी व्रत एवं गणेश जी की पूजा का संकल्प करें

2. शुभ मुहूर्त में विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा करें. एक चौकी पर गणेश जी की मुहूर्ति या तस्वीर को स्थापति करें. उनको फूल, फल, चंदन, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, सुपारी, पान का पत्ता, कुमकुम आदि अर्पित करें.

3. फिर दूर्वा की 21 गांठ उनको अर्पित करें. इन्हें गणपति के माथे पर चढ़ाना चाहिए. फिर मोदक या फिर लड्डू का भोग लगाएं. पूजा के समय गणेश मंत्र ओम गं गणपतये नम: का उच्चारण करना चाहिए. यह मंत्र सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए है.

4. अब आपको गणेश चालीस एवं विनायक चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए. फिर पूजा के अंत में गणेश जी की आरती विधि विधान से करनी चाहिए.

5. आज के दिन चंद्रमा को न देखें, नहीं तो आप पर मिथ्या आरोप लग सकते हैं. रात्रि के समय में मीठा भोजन करके पारण कर लें. यदि अगले दिन सुबह करते हैं, तो उस समय पारण कर व्रत को पूरा करें.


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