धर्म-अध्यात्म

आज है नवरात्रि का सातवां दिन, जाने मां कालरात्रि की आरती

Subhi
8 April 2022 3:45 AM GMT
आज है नवरात्रि का सातवां दिन, जाने मां कालरात्रि की आरती
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नवरात्रि में मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना की जाती है, मां कालरात्रि की पूजा से भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

नवरात्रि में मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना की जाती है, मां कालरात्रि की पूजा से भूत प्रेत, अकाल मृत्यु ,रोग, शोक आदि सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। 8 अप्रैल यानी आज चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। मां दुर्गा को कालरात्रि का रूप शुम्भ, निशुम्भ और रक्तबीज को मारने के लिए लेना पड़ा था। मां कालरात्रि का स्वरूप अत्यंत ही भयानक है। लेकिन मां का हृदय अत्यंत ही कोमल है। मां अपने भक्तों को सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति दिलाती है। देवी कालरात्रि का पूजन मात्र करने से समस्त दुखों एवं पापों का नाश हो जाता है। देवी कालरात्रि के ध्यान मात्र से ही मनुष्य को उत्तम पद की प्राप्ति होती है साथ ही इनके भक्त सांसारिक मोह माया से मुक्त हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं माता कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, मां कालरात्रि की पूजा विधि, देवी कालरात्रि की कथा, कालरात्रि का मंत्र और माता कालरात्रि की आरती

मां कालरात्रि की आरती

कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।

काल के मुह से बचाने वाली ॥

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।

महाचंडी तेरा अवतार ॥

पृथ्वी और आकाश पे सारा ।

महाकाली है तेरा पसारा ॥

खडग खप्पर रखने वाली ।

दुष्टों का लहू चखने वाली ॥

कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।

सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥

सभी देवता सब नर-नारी ।

गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥

रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।

कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥

ना कोई चिंता रहे बीमारी ।

ना कोई गम ना संकट भारी ॥

उस पर कभी कष्ट ना आवें ।

महाकाली मां जिसे बचाबे ॥

तू भी भक्त प्रेम से कह ।

कालरात्रि मां तेरी जय ॥

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