धर्म-अध्यात्म

आज है सावन का दूसरा सोमवार, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
25 July 2022 4:12 AM GMT
आज है सावन का दूसरा सोमवार, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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सावन के पावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। सावन माह के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान शंकर का दिन सोमवार होता है। आज यानी 25 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है।

सावन के पावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है। सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। इस माह में विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। सावन माह के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। भगवान शंकर का दिन सोमवार होता है। आज यानी 25 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हें सावन के पहले सोमवार की पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट...

पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।

भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।

भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।

भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।

सावन सोमवार व्रत का महत्व-

सावन के सोमवार का बहुत अधिक महत्व होता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। सोमवार का व्रत करने से भगवान शंकर की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है, जिस वजह से इस माह के सोमवार का महत्व सबसे अधिक होता है।

शुभ मुहूर्त-

शुभ मुहूर्त अभिजीत : 12:19 − 13:10

अमृत कालम्: कोई नहीं

अशुभ मुहूर्त गुलिक काल: 14:22 − 15:59

यमगण्ड : 11:07 − 12:44

दूर मुहूर्तम् : 01:49 − 01:51 01:55 − 01:57

व्रज्याम काल : कोई नहीं

राहू काल: 07:53 − 09:30

पूजन सामग्री की लिस्ट- पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।


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