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आज है आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Subhi
27 Jun 2022 4:04 AM GMT
आज है आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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आज यानी 27 जून को आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित ये तिथि शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है।

आज यानी 27 जून को आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित ये तिथि शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि प्रत्येक शिवरात्रि पर विधि पूर्वक व्रत और पूजन करने से भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। प्रत्येक माह में पड़ने वाली ये तिथि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत विधि-विधान से रखता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और संतान प्राप्ति, रोगों से मुक्ति के लिए भी मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं आषाढ़ माह की मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में...

आज है आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि, जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 27 जून दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 25 मिनट पर हो रही है। अलगे दिन ये तिथि 28 जून मंगलवार को सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मासिक शिवरात्रि का व्रत 27 जून, दिन सोमवार को रखा जाएगा।

मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा का महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शिव मंत्र 'ॐ नमः शिय' का पूरे दिन जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। जो भक्त इस दिन उपवास करता है, उसे मोक्ष, मुक्ति की प्राप्ति होती है और वह स्वस्थ और समृद्ध जीवन व्यतीत करता है।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन सर्वप्रथम सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहने और घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। यदि घर में शिवलिंग है तो शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें।

शिव जी को बेल पत्र चढ़ाएं। इस दिन भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें। भगवान भोलेशंकर और मां पार्वती को भोग लगाएं। पूजा के दौरान ''ऊॅं नम: शिवाय'' मंत्र का जप करें। इसके बाद भगवान शिव की आरती करें।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए स्नानादि करके सफेद, हरे, पीले, लाल या आसमानी रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करें। मासिक शिवरात्रि के दिन दही, सफेद वस्त्र, दूध और शक्कर का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है, इन चीजों का दान करने से भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।

मासिक शिवरात्रि के दिन अक्षत, चंदन, धतूरा, दूध, आक, गंगा जल, और बेल पत्र आदी चढ़ाना चाहिए। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपना शुभ आशीर्वाद देते हैं। यदि कोई जातक आर्थिक तंगी से गुजर रहा है तो उसे मासिक शिवरात्रि की शाम को कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर दान करना चाहिए।


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