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Vaishakh Purnima 2023 : आज दिनांक 05 मई दिन शुक्रवार को वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि है. हिंदू धर्म में इस दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं आज का बुद्ध पूर्णिमा भी है. आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. ऐसा कहा जाता है, कि भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं. इस दिन कुर्म जयंती भी मनाई जाती है. इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार में यानी कि कच्छप अवतार बी लिया था. अब ऐसे में वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत रखने का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजा विधि क्या है, कौन से मंत्रों का जाप करना है, इसके बारे में विस्तार से बताएंगे.
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वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत दिनांक 4 मई को रात 11 बजकर 35 मिनट से लेकर दिनांक 5 मई को रात 11 बजकर 02 पर इसकी समाप्ति होगी. इसलिए उदया तिथि के हिसाब से बैशाख पूर्णिमा दिनांक 5 मई दिन शुक्रवार को यानी कि आज है. इस दिन वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है.
स्नान मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा पर स्नान करने का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 11 मिनट से लेकर 04 बजकर 55 तक है. अगर आप नदी में स्नान ना कर पाएं, तो अपने घर के नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
इस दिन क्या करें ?
बुध पूर्णिमा के दिन प्रातः काल स्नान के पहले संकल्प लें और इसके बाद पहले जल को अपने सिर से लगाकर प्रणाम करें. इसके बाद स्नान करें. फिर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनें.
इन मंत्रों “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः”,नमः शिवाय , “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः” का जाप करें. साथ ही इस दिन मंत्र जाप करने के बाद सफेद वस्तुओं और जल का दान अवश्य करें.
आज वैशाख पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण
इस साल वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है. वहीं, ज्योतिष शास्त्र में यह एक दुर्लभ संयोग है. अब आज चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा और इसकी समाप्ति विशाखा नक्षत्र में होगी. हिंदू धर्म में ग्रहण को बहुत अशुभ माना जाता है. इसलिए ग्रहण के बाद स्नान और दान किया जाता है. इससे व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
अब वैशाख पूर्णिमा की रात को 8:00 बजे के बाद चंद्र ग्रहण लगना शुरू हो जाएगा और मध्य रात्रि 1:00 बजे तक रहेगा. इसलिए आप इससे पहले ही चंद्रमा को अर्घ्य दें. लेकिन ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं है.