धर्म-अध्यात्म

आज है सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत.....जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि

Bhumika Sahu
20 Aug 2021 3:19 AM GMT
आज है सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत.....जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि
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आज सावन मास का शुक्र प्रदोष व्रत है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है. इस दिन व्रत और पूजा करने ने घर में सुख- समृद्धि आती है. आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज सावन मास का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) है. ये दिन शुक्रवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं. हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है. इस दिन पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाल रहती है. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
सावन मास का प्रदोष व्रत 20 अगस्त 2021 को पड़ा रहा है. त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 19 अगस्त 2021 को रात 12 बजकर 24 मिनट से 20 अगस्त 2021 को रात 10 बजकर 20 मिनट पर रहेगी. शुक्र प्रदोष व्रत का शुभ समय शाम 06 बजकर 40 मिनट से रात 08 बजकर 57 मिनट के बीच पूजा अर्चना करें. हालांकि सावन का दिन बहुत शुभ होता है. शास्त्रों में इस महीने को सबसे पावन माना गया है.
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह के समय में स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का संकल्प लें. पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें. प्रदोष व्रत के दिन मंदिर में भगवान शिव को गंगा जल से अभिषेक करें. भोलेनाथ पर भांग, धतूरा, बेलपत्र, चंदन, फूल और नैवेद्य चढ़ाएं. इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा अर्चना करें. प्रदोष व्रत के दिन शिव चालीसा का पाठ करें और सात्विक चीजों का भोग लगाएं. इसके बाद भगवान शिव की आरती उतारें.
प्रदोष व्रत महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख और समृद्धि आती है. इसके अलावा वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष की समस्या हैं तो प्रदोष व्रत करना बहुत फलदायी माना जाता है. प्रदोष व्रत के दिन चंद्रदेव की पूजा करना शुभ होता है.


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