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हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। जिस तरह से माह में दो एकादशी होती है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। जिस तरह से माह में दो एकादशी होती है, उसी प्रकार माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। यह विशेष दिन भगवान शिव के लिए समर्पित होता है। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों पक्षों में एक-एक बार रखा जाता है। इस तरह वर्ष में 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। इस बार जून माह का पहला प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए वह सोम प्रदोष व्रत है। आइए जानते हैं कि जून माह का पहला प्रदोष व्रत किस दिन है, उसकी तिथि और पूजा मुहूर्त क्या है?
सोम प्रदोष व्रत 2021
हिन्दी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 07 जून को प्रात: 08 बजकर 48 मिनट पर हो रहा है, जिसका समापन उसी रोज देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 07 जून दिन सोमवार को रखा जाएगा।
सोम प्रदोष 2021 पूजा मुहूर्त
सोम प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए आपको प्रदोष काल में 2 घंटे 01 मिनट का समय प्राप्त होगा। 07 जून को शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 18 मिनट के मध्य आपको सोम प्रदोष व्रत की पूजा कर लेनी चाहिए।
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
जिस इंसान का चंद्रमा बुरा प्रभाव दे रहा हो, उन्हें सोम प्रदोष के व्रत को पूरी निष्ठा और नियम पूर्वक रखना चाहिए। फलस्वरूप व्यक्ति के जीवन में शांति बनी रहेगी और इच्छानुसार फल प्राप्ति होती है। वहीं, संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
प्रदोष व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं
जानकारों के अनुसार, प्रदोष व्रत के समय खाने का विशेष ध्यान रखना चाहिये। उपवास के दौरान सिर्फ हरे मूंग का सेवन बहुत लाभकारी माना गया है। हरा मूंग पृथ्वी तत्व है, जो मंदाग्नि को शांत रखता है। इस व्रत में लाल मिर्च, अन्न, चावल और सादा नमक नहीं खाना चाहिए। वैसे भी फलाहार करना ज्यादा उचित है।
Triveni
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