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माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) कहा जाता है। इस दिन महिलायें व्रत रखती हैं। इस दिन माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) कहा जाता है। इस दिन महिलायें व्रत रखती हैं। इस दिन माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी आज 31 जनवरी को है। इस दिन तिलकूट का प्रसाद बनाकर भगवान गणेश को भोग लगाया जाता है। इस दिन तिल के लड्डू भी प्रसाद में बनाए जाते हैं। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा के अनुसार क्या है सकट चतुर्थी का शुभ महूर्त और पूजा का प्रावधान आइये जानते हैं।
कैसे होती है संकष्टी चतुर्थी पूजा
इस दिन माताएं गणेश जी की पूजा कर भगवान को भोग लगाकर कथा सुनती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही गणेश जी का व्रत संपन्न होता है। इस दिन कई जगह तिलकूट का पहाड़ बनाकर उसको भी काटे जाने की परंपरा है। सकट चौथ के दिन गणेश जी के संकटमोचन का पाठ करना अच्छा माना जाता है। सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चंद्रमा देखने पर अर्घ्य देती हैं और पूजा करती हैं। इस दौरान छोटा सा हवन कुंड तैयार किया जाता है। हवन कुंड की परिक्रमा करके महिलाएं चंद्रदेव के दर्शन करती हैं और अपने बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।
विशेष पूजा-
गणेश मंत्र का जप करते हुए 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करनी चाहिए।
मंत्र- ॐ गं गणपतये नमः" साथ ही भगवान गणेश को बूंदी के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए। तिल तथा गुड़ से बने हुए लड्डू तथा ईख, शकरकंद, गुड़ और घी अर्पित करने की महिमा है।
गणेश जी के 12 नाम का जाप
सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।
सकट चौथ व्रत तिथि- जनवरी 31, 2021 (रविवार)
सकट चौथ के दिन चन्द्रोदय समय – 20:40
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – जनवरी 31, 2021 को 20:24 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – फरवरी 01, 2021 को 18:24 बजे।
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