धर्म-अध्यात्म

आज है रंगभरी एकादशी,आइए जानते हैं मुहूर्त,मंत्र,पूजा विधि एवं महत्व के बारे में

Kajal Dubey
14 March 2022 2:04 AM GMT
आज है रंगभरी एकादशी,आइए जानते हैं मुहूर्त,मंत्र,पूजा विधि एवं महत्व के बारे में
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रंगभरी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रंगभरी एकादशी आज है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करते हैं. पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हो गया था, तो वे उनको पहली बार फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि को अपनी नगरी काशी लेकर आए थे. तब उनके गणों और भक्तों ने भगवान शिव और माता पार्वती की रंग गुलाल से स्वागत किया था. इस वजह से इसे रंगभरी एकादशी कहते हैं. आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी के मुहूर्त (Muhurat), मंत्र (Mantra), पूजा विधि (Puja Vidhi) एवं महत्व के बारे में.

रंगभरी एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10:21 बजे शुरु होकर 14 मार्च को दोपहर 12:05 बजे समाप्त हो रही है. 14 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 06:32 बजे से बन रहा है. ऐसे में आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग के प्रारंभ समय से कर सकते हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन है.
रंगभरी एकादशी 2022 पूजा विधि एवं मंत्र

रंगभरी एकादशी को एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. फिर गंगाजल, गाय के दूध, बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार पुष्प, अक्षत्, फल, फूल, शहद, सफेद चंदन, शक्कर आदि भोलेनाथ को अर्पित करें. इस दौरान पंचाक्षर मंत्र ओम नम: शिवाय का जप करें.
इसके बाद माता पार्वती की सिंदूर, कुमकुम, अक्षत्, फूल, फल, श्रृंगार सामग्री अर्पित करके पूजा करें. शिव और शक्ति को रंग गुलाल अर्पित करें. शिव चालीसा पाठ, शिव आरती, माता पार्वती की आरती करें. पूजा के समापन पर शिव-शक्ति से अपनी मनोकामना व्यक्त कर उसको पूर्ण करने की प्रार्थना करें.
रंगभरी एकादशी पूजा से लाभ
1. रंगभरी एकादशी को शिव-पार्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है.
2. यदि आपके दांपत्य जीवन में समस्याएं हैं, तो रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. आपके कष्ट दूर होंगे.
3. रंगभरी एकादशी पर शिव-पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है. इसके लिए महिलाओं को माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करनी चाहिए.


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