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- आज है रंग पंचमी, जाने...
होली के पांचवे दिन रंग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। चैत्र मास की पंचमी तिथि को रंग पंचमी के साथ होली के पर्व में विराम लग जाता है। इस पंचमी को देव पंचमी और श्रीपंचमी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन श्री कृष्ण के संग राधा रानी की विधिवत तरीके से पूजा करके गुलाल से होली खेली जाती है। इस बार रंग पंचमी का त्योहार 22 मार्च को मनाया जा रहा है।
रंग पंचमी के दिन रंगों से होली नहीं बल्कि गुलाल-अबीर उड़ाई जाती है। मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन गुलाल को शरीर में लगाने से नहीं बल्कि उड़ाने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही जो व्यक्ति इस गुलाल के संपर्क में आता हैं तो उस व्यक्ति को सभी कष्टों से निजात मिलने के साथ पापों से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं इस दिन देवी-देवता भी मनुष्य के साथ होली खेलने आते हैं और सभी व्यक्तियों को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
रंग पंचमी कथा
रंग पंचमी को लेकर दो पौराणिक कथाएं प्रचलित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने राधा रानी के संग होली खेली थी। जिसके बाद से रंग पंचमी के रूप में राधा रानी के बरसाना मंदिरों में होली खेली जाती है।
दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, होलाष्टक के दिन भगवान शिव ने भगवान कामदेव को भस्म कर दिया था। जिसके कारण कामदेव की पत्नी रति के साथ-साथ देवलोक का हर देवी-देवता उदास हो गए थे। ऐसे में सभी ने मिलकर भगवान शिव से कामदेव को दोबारा जीवित करने के लिए कहा था। जिस पर भगवान शिव से उन्होंने जीवित करने का आश्वासन दिया था। यह बात सुनकर देवी-देवताओं ने खुश होकर रंगोत्सव मनाया था। इसी कारण हर साल पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है।