धर्म-अध्यात्म

आज है पापमोचनी एकादशी,जानें मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व के बारे में

Kajal Dubey
28 March 2022 2:59 AM GMT
आज है पापमोचनी एकादशी,जानें मुहूर्त, मंत्र, पूजा विधि एवं महत्व के बारे में
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आज 28 मार्च दिन सोमवार को पापमोचनी एकादशी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज 28 मार्च दिन सोमवार को पापमोचनी एकादशी है. आज भगवान विष्णु की पूजा करने, विधिपूर्वक व्रत रखने और पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से सभी पाप मिट जाते हैं. व्यक्ति पापमुक्त होकर पुण्य की प्राप्ति करता है और मृत्यु के बाद श्रीहरि के धाम में स्थान पाता है. चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी व्रत रखा जाता है. पापमोचनी एकादशी की तिथि कल 27 मार्च को शाम 06:04 बजे से शुरु हो गई थी, जो आज सवा चार बजे तक मान्य है. इस आधार पर उदयातिथि आज प्राप्त हुई है, इसलिए पापमोचनी एकादशी व्रत आज है. आइए जानते हैं पापमोचनी एकादशी मुहूर्त (Papmochani Ekadashi 2022 Muhurat), मंत्र, पूजा विधि (Papmochani Ekadashi Puja Vidhi) एवं महत्व के बारे में.

पापमोचनी एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
एकादशी तिथि: 27 मार्च शाम 06:04 बजे से 28 मार्च शाम 04:15 बजे तक
सिद्ध योग: 28 मार्च, शाम 05:40 बजे तक, उसके बाद साध्य योग
सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 28 मार्च, सुबह 06:16 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक
दिन का शुभ मुहूर्त: दोपहर 12:02 बजे से दोपहर 12:51 बजे तक
श्रवण नक्षत्र: 28 मार्च, दोपहर 12:24 बजे तक, उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र
पूजा समय: सिद्ध एवं सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात:काल से ही प्रारंभ हैं, तो सुबह से लेकर दोपहर 12:24 बजे तक कभी भी पूजा कर सकते हैं.-
पापमोचनी एकादशी 2022 पारण
पारण का समय: 29 मार्च, दिन मंगलवार, सुबह 06:15 बजे से सुबह 08:43 बजे तक
द्वादशी तिथि का समापन: दोपहर 02:38 बजे
ऐसे में पापमोचनी एकादशी का पारण आप सुबह करीब पौने नौ बजे तक कर लें.
पापमोचनी एकादशी पूजा विधि एवं मंत्र
आज प्रात: स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें. उसके बाद पूजा स्थान पर व्रत का संकल्प करके एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. फिर अक्षत्, पंचामृत, पीले फूल, फल, चंदन, तुलसी दल, रोली, धूप, दीप, नौवेद्य, गंध, हल्दी आदि अर्पित करते हुए श्रीहरि की पूजा करें. इस दौरान आपको ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का उच्चारण करते रहना चाहिए. इसके पश्चात विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम और पापमोचनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें. फिर घी के दीपक से भगवान विष्णु की आरती करें.
पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें. किसी गरीब ब्राह्मण को अनाज, फल, सब्जी, वस्त्र आदि का दान करें. दिनभर फलाहार करते हुए व्रत रहें. रा​त्रि के समय में भगवान विष्णु का जागरण करें. अगले दिन सुबह उठकर स्नान के बाद दैनिक पूजा करें. उसके बाद शुभ समय में पारण करके पापमोचनी एकादशी व्रत को पूरा करें.
पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व
पापमोचनी एकादशी व्रत करने और इसकी कथा का पाठ करने से पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. पापमोचनी एकादशी व्रत कथा के श्रवण मात्र से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं.


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