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आज है मासिक शिवरात्रि, जाने महत्व और पूजा विधि

Subhi
8 Jun 2021 3:24 AM GMT
आज है मासिक शिवरात्रि, जाने महत्व और पूजा विधि
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भगवान शिव को देवों के देव के रूप में पूजा जाता है. हर कृष्ण पक्ष चतुर्दशी यानी हिंदू कैलेंडर के चौदहवें दिन ‘मासिक शिवरात्रि’ मनाई जाती है.

भगवान शिव को देवों के देव के रूप में पूजा जाता है. हर कृष्ण पक्ष चतुर्दशी यानी हिंदू कैलेंडर के चौदहवें दिन 'मासिक शिवरात्रि' मनाई जाती है. फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. इस दिन की बहुत अधिक मान्यता है. जो भी इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करते हैं, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

इस माह ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 8 जून 2021 को पड़ रही है. इस पवित्र दिन पर 'मासिक शिवरात्रि' मनाई जाएगी.

मासिक शिवरात्रि 2021 की तिथि और समय
चतुर्दशी 8 जून, 2021 को प्रातः 09:54 बजे से प्रारंभ हो रही है
चतुर्दशी समाप्त, 9 जून, 2021 दोपहर 12:27 बजे
मासिक शिवरात्रि 2021 का शुभ मुहूर्त
11:53 दोपहर 8 जून – 12:42 दोपहर 9 जून
सूर्योदय – 6:21 प्रात:, सूर्यास्त 6:13 बजे
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 4:44 से सुबह 5:33 तक
मासिक शिवरात्रि 2021 का महत्व
पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि महाशिवरात्रि की आधी रात को भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे. इनकी पूजा भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने की थी. इन्हें शिव और शक्ति की शक्तियों के अभिसरण के रूप में मनाया जाता है. 'मासिक शिवरात्रि' हर महीने भगवान शिव और मां पार्वती की कृपा पाने के लिए मनाई जाती है. भगवान शिव के चंद्रमा, सर्प, भस्म, डमरू आदि जैसे आभूषण ज्ञान, सतर्कता, पवित्रता, सतर्कता आदि के प्रतीक हैं. भगवान शिव, मानवता और धार्मिक आत्माओं को आशीर्वाद देते हैं. अविवाहित लड़कियां अपनी पसंद का पति पाने के लिए ये व्रत करती हैं, विवाहित महिलाओं को वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनाए रखने के लिए.
मासिक शिवरात्रि 2021 की पूजा विधि
शिवरात्रि का व्रत भोर से शुरू होकर रात भर चलता है. ये अगले दिन पंचांग के अनुसार पारण समय के दौरान समाप्त होता है.
इस दिन भक्त जल्दी स्नान करते हैं.
वो मंदिरों में जाते हैं या भगवान शिव और लिंगम की मूर्तियों के सामने प्रार्थना करते हैं.
लिंगम का अभिषेक जल या गंगाजल, दूध, दही, घी, चीनी, शहद, चंदन का लेप, बिल्वपत्र और मदार के फूल आदि को अर्पित कर किया जाता है.
तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते.
निशिथ काल में पूजा अधिक शुभ होती है.
शिवरात्रि यानी शिव की रात, भक्त शिव की महिमा सुनते हैं और पूरी रात शिव मंत्रों का जाप करते हैं.
व्रत, शुद्ध आत्मा और इंद्रियों पर नियंत्रण से करना चाहिए.
भक्त सदाचार रखते हैं और बुराइयों से दूर रहते हैं.
आरती और प्रसाद वितरण किया जाता है.
मासिक शिवरात्रि 2021 का मंत्र
1. शिव मूल मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
2. महा मृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात्
3. रुद्र गायत्री मंत्र
ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात


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