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धर्म-अध्यात्म
आज है महेश नवमी, जानिए पूजा मुहूर्त और क्यों यह दिन है माहेश्वरी समाज के लिए महत्वपूर्ण
Triveni
19 Jun 2021 2:43 AM GMT
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महेश नवमी जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह भगवान शिव से जुड़ा हुआ व्रत है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | महेश नवमी जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह भगवान शिव से जुड़ा हुआ व्रत है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। इस वर्ष महेश नवमी आज 19 जून दिन शनिवार को है। इस असवर पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। भगवान शिव का एक नाम महेश भी है। आइए जानते हैं महेश नवमी की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में।
महेश नवमी 2021 तिथि मुहूर्त
हिन्दी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 18 जून दिन शुक्रवार को रात 08 बजकर 39 मिनट से हुआ है, जिसका समापन 19 जून को शाम 06 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है। नवमी की उदयातिथि 19 जून को प्राप्त हो रही है, ऐसे में महेश नवमी का व्रत शनिवार को रखा जाएगा। 19 जून को पूरे दिन रवि योग बना रहेगा, इसलिए इस वर्ष महेश नवमी रवि योग में मनाई जाएगी।
महेश नवमी का विशेष महत्व
महेश नवमी का एक विशेष धार्मिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को भगवान शिव की विशेष कृपा से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी।
महेश नवमी की पूजा
नवमी तिथि के प्रात: स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और महेश नवमी व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधिपूर्वक अक्षत्, चंदन, सिंदूर, भांग, बेलपत्र, मदार, गंगा जल, गाय का दूध, शहद, धूप, दीप आदि से पूजा करें। फिर मौसमी फल भी अर्पित कर दें। अब शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा के अंत में शिव जी की आरती करें। फिर प्रसाद वितरित करें।
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