धर्म-अध्यात्म

आज है फाल्गुन मास की कालाष्टमी...जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Subhi
5 March 2021 2:36 AM GMT
आज है फाल्गुन मास की कालाष्टमी...जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है।

हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। मान्यता है अगर आज के दिन पूरे विधि-विधान के साथ काल भैरव की पूजा की जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण अष्टमी को काल भैरव प्रकट हुए थे। काल भैरव को भगवान शिव ने प्रकट किया था। ऐसे में हर माह की इस तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। तो आइए जानते हैं फाल्गुन कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त और महत्व।

कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त:
5 मार्च, शुक्रवार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष
फाल्गुन कृष्ण अष्टमी आरंभ- 5 मार्च, शुक्रवार शाम 7 बजकर 54 मिनट से (अष्टमी तिथि 5 मार्च शाम से शुरू हो रही है। ऐसे में कालाष्टमी का व्रत आज रखा जाएगा।)
फाल्गुन कृष्ण अष्टमी समाप्त- 6 मार्च, रविवार शाम 6 बजकर 10 मिनट पर
फाल्गुन कालाष्टमी का महत्व:
कालाष्टमी के दिन रात के समय अगर जागरण किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रत के पुण्य में भी वृद्धि होती है। काल भैरव का वाहन कुत्ता है ऐसे में इस दिन कुत्तों को अगर खाना खिलाया जाए तो यह बेहद शुभ होता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भैरव जी प्रसन्न हो जाते हैं। भक्तों का ऐसा मानना है कि भैरव अष्टमी का व्रत करने से उनके पाप धुल जाएंगे और वे मृत्यु के भय से मुक्त हो जाएंगे। इस दिन सुबह सवेरे उठकर स्नानादि कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। फिर काल भैरव की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ भगवान शिव और पार्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन भक्त पूरे दिन का उपवास करते हैं। साथ ही शाम के समय काल भैरव के मंदिर भी जाते हैं।




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