धर्म-अध्यात्म

आज है ज्येष्ठ अमावस्या, जानिए स्नान का महत्व एवं पूजा विधि

Triveni
10 Jun 2021 5:17 AM GMT
आज है ज्येष्ठ अमावस्या, जानिए स्नान का महत्व एवं पूजा विधि
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ज्येष्ठ माह में आने वाली 15वीं तिथि ज्येष्ठ अमावस्या कहलाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| ज्येष्ठ माह में आने वाली 15वीं तिथि ज्येष्ठ अमावस्या कहलाती है. ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि सबसे अधिक शुभ व फलदायी मानी जाती है जिसे ज्येष्ठ अमावस्या भी कहते हैं. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का खास महत्व होता है. आज ज्येष्ठ अमावस्या है. वहीं इसी दिन वट सावित्री व्रत का पर्व भी मनाया जा रहा है. इसके अलावा इसी दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2021) भी मनाई जा रही है. आज साल का पहला सूर्य ग्रहण भी है. धार्मिक मान्यता अनुसार, जो भी व्यक्ति ज्येष्ठ अमावस्या तिथि के दिन सच्ची भावना से स्नान-ध्यान, दान, व्रत और पूजा-पाठ करता है, उसे समस्त देवी-देवता का आशीर्वाद निश्चित ही प्राप्त होता है. इसलिए इस दिन पितरों व पूर्वजों की शांति और इष्ट देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए, किए जाने वाले हर प्रकार के कर्मकांड भी फलीभूत होते हैं.

ज्येष्ठ अमावस्या समय
ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ- 09 जून 2021, दोपहर 01:57 बजे से
समाप्त- 10 जून 2021, शाम 04:22 बजे तक
ज्येष्ठ अमावस्या पर स्नान का महत्व
ज्येष्ठ अमावस्या के दौरान पवित्र नदियों में स्नान को महत्वपूर्ण बताया गया है. यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. तीर्थ स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों की शांति के लिए तर्पण करना चाहिए. इसके बाद ब्राह्मण भोजन और जल दान का संकल्प लेना चाहिए. इस दिन अन्न और जल दान करने से पितर संतुष्ट होते हैं, जिससे परिवार में समृद्धि आती है. इस दिन स्नान करने से नकारात्मक तत्व दूर होते हैं और मानसिक बल मिलता है. साथ ही साथ विचारों में शुद्धता भी आती है. घर से नेगेटिविटी दूर होती है.
ज्येष्ठ अमावस्या पूजा विधि
अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी, जलाशय या कुंड में स्नान करें. कोरोना काल में आप घर पर नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. उसके बाद तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य करें. इसके बाद किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें. अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास भी करें


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