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- आज है जीवित्पुत्रिका...
हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत रखा जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत के दिन माताएं पुत्र प्राप्ति, संतान के दीर्घायु होने और उनकी सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखकर व्रत का अनुष्ठान करती हैं। यह व्रत तीज व्रत, करवा चौथ व्रत की तरह की कठिन माना जाता है। इस दिन महिलाएं शाम के साथ विधिवत तरीके से पूजा अर्चना करती हैं। अगर आप भी इस व्रत को रख रही हैं, तो पूजा करने के साथ इस मंत्र का पाछ अवश्य करें।इ सके साथ ही विधिवत आरती करें। ऐसा करने से पूजा तका कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा।
जीवित्पुत्रिका व्रत शुभ मुहूर्त
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर होगी और 18 सितंबर दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, जितिया का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
जितिया का पूजन मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत की आरती
ओम जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ ओम जय कश्यप...
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ ओम जय कश्यप....
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ ओम जय कश्यप...
सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ ओम जय कश्यप...
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥ ओम जय कश्यप...
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥ ओम जय कश्यप
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥ ओम जय कश्यप...
क्रेडिट ; जागरण