धर्म-अध्यात्म

आज है दुर्गा विसर्जन, जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें

Subhi
26 Oct 2020 1:44 AM GMT
आज है दुर्गा विसर्जन, जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें
x

आज है दुर्गा विसर्जन, जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें

नवरात्रि के नौ दिन का महाउत्सव और दशहरा समाप्त हो चुका है। दशहरे के बाद मां दुर्गा की विदाई की जाती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | नवरात्रि के नौ दिन का महाउत्सव और दशहरा समाप्त हो चुका है। दशहरे के बाद मां दुर्गा की विदाई की जाती है। इस वर्ष दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा। पूरे 10 दिन बाद मां हम सभी से आज विदा ले रही हैं। मां से विदाई लेने के साथ लोग मां के अगले बरस वापस आने की भी प्रार्थना कर रहे हैं। कहा जाता है कि दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने से शुरू हो जाता है। इससे जुड़ी कई खास परंपराएं हैं जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं। आइए जानते हैं महत्व और इन परंपराओं के बारे में।

जानें दुर्गा विसर्जन की इन खास परंपराओं के बारे में:

मां दुर्गा के कई भक्त ऐसे हैं जो मां के विसर्जन के बाद ही नवरात्रि का व्रत तोड़ते हैं। इस दिन की दो कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार, विजयदशमी के दिन ही मां दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था। वहीं, दूसरी कथा के अनुसार इसी दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था। इसके अलावा विजयदशमी के दिन कई लोग शस्त्र पूजा भी करते हैं।

विजयादशमी के दिन सिंदूर खेला का उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव खासतौर से बंगाली समुदाय के लोग मनाते हैं। इस दौरान विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। साथ ही नाच-गाना भी करते हैं।

नवरात्रि के दौरान मां धरती पर 9 दिन लिए आती हैं। 9 दिन के बाद वो फिर से अपने घर यानी शिवजी के पास माता पार्वती के रूप में कैलाश पर्वत पर चली जाती हैं। जिस तरह से बेटियां अपने मायके आती हैं और वापस आते समय घरवाले उन्हें खाने-पीने का सामान और अन्‍य प्रकार की भेंट देते हैं, छीस उसी तरह एक पोटली में श्रृंगार का सारा सामान और खाने की चीजें रख दी जाती हैं और इसे मां दुर्गा के साथ विदा कर दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां को देवलोक तक जाने में कोई परेशानी नहीं होती है।

कब है दुर्गा विसर्जन:

इस वर्ष दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 29 मिनट से शुरु होगा। इसका समापन सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक होगा। यह अवधि 2 घंटे 14 मिनट का होगा। दशमी तिथि की शुरुआत 25 अक्टूबर सुबह 07 बजकर 41 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 26 अक्टूबर सुबह 9 बजे होगा। श्रवण नक्षत्र का आरंभ 24 अक्टूबर रात 1 बजकर 28 मिनट से होगी। इसका समापन 25 अक्टूबर सुबह 02 बजकर 38 मिनट पर होगा। आइए जानते हैं सिंदूर खेला के बारे में।

डिसक्लेमर

'इस लेख मे निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

Next Story