- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- आज है दिवाली, इन...
आज है दिवाली, इन उपायों से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न
![आज है दिवाली, इन उपायों से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न आज है दिवाली, इन उपायों से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/11/04/1390996--.webp)
आज के युग में आम व्यक्ति कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन अक्सर उसे धन का अभाव बना ही रहता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कामना होती है कि वह सुख समृद्धिशाली जीवन व्यतीत करे। इसके लिए वह मेहनत भी करता है लेकिन अक्सर उसे इसका सही परिणाम प्राप नहीं होते हैं। ऐसे में सभी को लगता है कि मां लक्ष्मी उनसे रूठ गई हैं और उनके पास आना ही नहीं चाहती। आज दिवाली का महापर्व है। ऐसे में आपके पास माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने का अवसर है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसे कुछ अचूक उपाय जिसके करने से मां लक्ष्मी आपके पास सिर्फ आएंगी ही नहीं बल्कि जीवन भर के लिए आपके घर में विराजमान होंगी। तो चलिए जानते हैं ऐसे उपाय के बारे में जिन्हे करने से आपको धन की प्राप्त होगी-
दिवाली से 2 दिन पूर्व धनतेरस पर हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य द्वार पर 'ऊँ'लिखें, ऐसा करने से धन की प्राप्ति होगी।
दिवाली पूजन के बाद शंख और डमरू जरूर बजाएं। ऐसा करने से घर से दरिद्रता जाती है और लक्ष्मी जी का घर में स्थायी वास होता है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करते समय हकीक रत्न की भी पूजा कर और उसके उपरांत उसे अंगूठी या माला के रूप में धारण करने से धन की वृद्धि होती है।
जैसा कि सभी जानते हैं कि ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी गणेश और धन की देवी लक्ष्मी हैं। इन दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है। दिवाली के दिन घर में इस यंत्र की स्थापना से घर में धन-सम्पत्ति की कमी नहीं रहती है।
इसके अलावा दिवाली पर आप श्री यंत्र, कनकधारा यंत्र और कुबेर यंत्र की विधिवत स्थापना कर सकते हैं। इससे लक्ष्मी प्राप्त होती है।
दिवाली पूजन के दौरान लक्ष्मी पूजा में 11 कौड़ियां मां लक्ष्मी पर चढ़ाएं। अगले दिन इन कौड़ियों को लाल रूमाल या लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें, यह आपके धन में वृद्धि करेगा।
दिवाली पर मां लक्ष्मी को पूए का भोग लगाएं। इस भोग को गरीबों में बांटने से चढ़ा हुआ कर्जा उतर जाता है।
दिवाली पर पानी का घड़ा लाकर रसोई में कपड़े से धक कर रख दें। ऐसा करने से घर में बरकत और खुशहाली रहेगी।
![Shiddhant Shriwas Shiddhant Shriwas](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)