धर्म-अध्यात्म

बुद्ध पूर्णिमा आज है जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Teja
16 May 2022 5:34 AM GMT
बुद्ध पूर्णिमा आज है जानिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
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आज यानि 16 मई, 2022 को बुद्ध पूर्णिमा है और बौद्ध धर्म में इसका विशेष महत्व है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज यानि 16 मई, 2022 को बुद्ध पूर्णिमा है और बौद्ध धर्म में इसका विशेष महत्व है. वैशाख माह की बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्मदिवस के रूप (Buddha Purnima ka Mahatav) में मनाया जाता है. गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था. गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी. गौतम बुद्ध के जन्म तथा मृत्यु के समय के विषय में अनेक मतभेद हैं, (Buddha Purnima Puja Vidhi) अतः उनकी जन्मतिथि अनिश्चित है. हालाँकि, अधिकांश इतिहासकारों ने बुद्ध के जीवनकाल को 563-483 ई.पू. के मध्य माना है. अधिकांश लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं. बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी.

बौद्धों के लिए, बोध गया नामक स्थान गौतम बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं. यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी. यह माना जाता है कि, गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था.
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती तथा वैशाख के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर भारत में भगवान विष्णु का 9वां अवतार बुद्ध को तथा 8वां अवतार भगवान कृष्ण को माना जाता है. हालाँकि, दक्षिण भारतीय मान्यता में बुद्ध को कभी भी विष्णु का अवतार नहीं माना गया है. दक्षिण भारत में, बलराम को भगवान विष्णु के 8वें अवतार तथा कृष्ण को 9वें अवतार के रूप में माना जाता है. बलराम को वैष्णव आन्दोलनों के बहुमत द्वारा विष्णु के अवतार के रूप में गिना जाता है. यहाँ तक कि, बौद्ध भी बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार नहीं मानते हैं. पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की कथा करने का विधान है. गुरुवार और पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा, व्रत-उपवास किया जाता है.
बुद्ध पूर्णिमा का समय
बुद्ध पूर्णिमा आज यानि सोमवार के दिन पड़ रही है. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा
सूरज उगने से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें.
गंगा में स्नान करें या फिर सादे पानी से नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें.
घर के मंदिर में विष्णु जी की दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से सजाएं.
घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें.
बोधिवृक्ष के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं.
गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें.
अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद करें.
रोशनी ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें.


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