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धर्म-अध्यात्म
आज है भौमवती अमावस्या, जानिए क्या है इसका महत्त्व
Ritisha Jaiswal
7 Sep 2021 6:21 AM GMT
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आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार का दिन है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और मंगलवार का दिन है। अमावस्या तिथि आज सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक थी। उसके बाद भाद्रपद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग गई है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है, लिहाजा आज भौमवती अमावस्या है।
भौम अमावस्या 2021 की तिथि और समय
अमावस्या प्रारंभ- 6 सितंबर, सुबह 7 बजकर 38 मिनट पर
अमावस्या समाप्त- 7 सितंबर सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक
भौमवती अमावस्या का महत्व
किसी भी माह की अमावस्या को स्नान- दान और श्राद्ध आदि का बहुत महत्व है। यह अमावस्या 2 दिनों की थी। इसलिए श्राद्ध आदि की अमवस्या तो सोमवार को मनायी जा चुकी है और आज उदयातिथि अमावस्या में तीर्थ स्थलों पर स्नान दान किया जा रहा होगा। अमावस्या के दिन स्नान-दान या श्राद्ध आदि करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है, पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों के आशीर्वाद से सारे काम पूरे होते हैं।
भौमवती अमावस्या पर करें ये उपाय
अगर आप चाहते हैं कि आपके परिवार पर कभी किसी प्रकार की समस्या ना आये, तो आज आप हाथी के पैर के नीचे की मिट्टी लाकर यानी जिस भी जगह पर हाथी चला हो, उस जगह की थोड़ी-सी मिट्टी लाकर अपने घर में संभालकर
रखें और जब कभी आपके घर में कोई शुभ काम हो तो उस मिट्टी से अपने और अपने परिवार वालों के माथे पर तिलक करें।
अगर आप कर्ज से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज एक साफ-सुथरे लोटे में जल भरकर हनुमान जी के सामने रखें। साथ ही चमेली के तेल का दीपक जलाएं । उसके बाद इन पंक्तियों का 108 बार जाप करें । पंक्ति इस प्रकार है-
'अग्ने सख्यं वृणीमहे'
इस प्रकार जाप पूरा हो जाने के बाद उस लोटे के जल को पेड़-पौधों में डाल दें और दीपक को घर में इस्तेमाल कर लें।
अगर आपके बिजनेस में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहे हैं, तो आज मिट्टी से बना हाथी घर लाएं और उसे उचित स्थान पर रखें। अब उस पर लाल कपड़ा ओढ़ाएं। इसके बाद धूप-दीप, पुष्प आदि से उसकी पूजा करें। पूजा के बाद वहीं पर बैठकर मंगल के मंत्र का जाप करें। मंगल का मंत्र है – 'ॐ भूमि पुत्राय नमः।'
अगर आप अपने किसी खास कार्य में बिना किसी रूकावट के सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आज एक चॉकलेटी रंग का कपड़ा लेकर उसे त्रिकोण आकृति में काट लें और उस पर केसरिया सिन्दूर में चमेली का तेल मिलाकर 18 बिन्दियां लगाएं। इसके बाद उस कपड़े को घर से दूर किसी विरानी जगह पर छोड़ आयें और घर आने के बाद मंगल के इस मंत्र का एक माला, यानी 108 बार जाप करें। मंत्र है - ॐ भौमाय नमः
Ritisha Jaiswal
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