धर्म-अध्यात्म

आज है आषाढ़ मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Subhi
8 July 2021 2:11 AM GMT
आज है आषाढ़ मासिक शिवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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प्रत्येक मास में एक शिवरात्रि आती है, जो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होती है। इस समय पंचांग का आषाढ़ मास और अंग्रेजी कैलेंडर का जुलाई माह चल रहा है।

प्रत्येक मास में एक शिवरात्रि आती है, जो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को होती है। इस समय पंचांग का आषाढ़ मास और अंग्रेजी कैलेंडर का जुलाई माह चल रहा है। इस माह की शिवरात्रि आज है। मासिक शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की​ ​विधि विधान से पूजा की जाती है। शिव जी को बेलपत्र, भांग, मदार पुष्प, चंदन, शहद, गंगाजल, गाय का दूध आदी अर्पित करते हैं, वहीं माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करते हैं। इस दिन लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं मासिक शिवरात्रि की तारीख, उसकी तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में।

मासिक शिवरात्रि 2021

हिन्दी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 जुलाई दिन गुरुवार को तड़के 03 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 09 जुलाई दिन शुक्रवार को प्रात: 05 बजकर 16 मिनट तक है। जैसा कि नाम से ज्ञात है कि शिवरात्रि अर्थात् भगवान शिव की रात्रि। इस दिन भगवान शिव की पूजा रात्रि प्रहर में होती है, ऐसे में मासिक शिवरात्रि पूजा का समय 08 जुलाई को प्राप्त हो रहा है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि 08 जुलाई को है।

मासिक​ शिवरात्रि 2021 पूजा मुहूर्त

इस बार आषाढ़ मास की शिवरात्रि पूजा के ​लिए आपको कुल 41 मिनट का समय प्राप्त होगा। जो लोग शिवरात्रि व्रत रहेंगे, वे 08 जुलाई को रात 12 बजकर 06 मिनट से देर रात 12 बजकर 47 मिनट के मध्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगे।

पारण समय

जो लोग मासिक शिवरात्रि का व्रत रहेंगे, वे शिव और शक्ति की पूजा करने के बाद रात्रि जागरण करेंगे। उसके बाद वे अगले दिन प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर पूजा करें। ब्राह्मण को दान दें। फिर पारण करके व्रत को पूरा करें।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि के दिन ही भगवान ​शिव ने परमब्रह्म से साकार स्वरुप धारण किया था। इस तिथि को ही शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। इस वजह से हर शिवरात्रि को शिव और शक्ति की पूजा की जाती है। दोनों की कृपा से सभी दुख दूर होते हैं और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।



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