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आज अपरा एकादशी है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा- पाठ करने का विशेष महत्व होता है.
आज अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा- पाठ करने का विशेष महत्व होता है. हर महीने में दो बार एकादशी तिथि आती है. साल भर में 24 एकादशी पड़ती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने की एकादशी तिथि को अपरा और अंचला एकादशी कहा जाता है. इस दिन व्रत करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस व्रत को द्वादशी के दिन खोला जाता है. एकादशी के दिन कुछ लोग उपवास करते हैं. इस दिन चावल नहीं खाना चाहिए. आइए जानते हैं अपरा एकादशी से जुड़ी बातों के बारे में.
एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि की शुरुआत- 05 जून 2021 को सुबह 4 बजकर 07 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – 06 जून 2021 तो सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.
व्रत के पारण का मुहूर्त- 07 जून 2021 को सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 07 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.
पजा विधि
इस दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु को याद करते हुए व्रत का संकल्प लें और पूजा करें. इस दिन फलाहार करें और अनाज नहीं खाना है. एकादशी के दिन शाम के समय में विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें. अगले दिन व्रत का पारण करने के बाद ब्रह्माणों को खाना खिलाएं और दान दक्षिणा दें.
अपरा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन पूजा- पाठ करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा इस दिन दान- पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. पद्मपुराण के अनुसार, इस दिन पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को धन लाभ की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस जन्म में पूजा पाठ करने से अगले जन्म में धनवान होते है.
एकादशी के दिन इन बातों का रखें ध्यान
मान्यता है कि एकादशी व्रत का पारण हरि वासन समय में नहीं करना चाहिए. व्रत करने वाले व्यक्ति को हरिवासन समय तक प्रतिक्षा करनी पड़ती है, हरि वासन तिथि द्वादशी के एक चौथाई प्रहर को कहा जाता है. एकादशी का व्रत सुबह के समय में खोलना चाहिए. व्रत के दौरान किसी को बुरे वजन न कहें. अपने शब्दों पर संयम रखें. एकादशी व्रत के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए. इस व्रत में कुछ नियम होते हैं, जिसका पालन करना बहुत जरूरी होता है.
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