धर्म-अध्यात्म

आज है अन्नपूर्णा जयंती, ऐसे करें मां पार्वती की पूजा

Subhi
18 Dec 2021 2:37 AM GMT
आज है अन्नपूर्णा जयंती, ऐसे करें मां पार्वती की पूजा
x
हिंदी पंचांग के अनुसार, हर मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार 18 दिसंबर यानी मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-उपासना की जाती है।

हिंदी पंचांग के अनुसार, हर मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार 18 दिसंबर यानी मार्गशीर्ष पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि प्रतिदिन विधि पूर्वक मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से गृह में विपरीत परिस्थिति में भी अन्न की कमी नहीं होती है। शास्त्रों में निहित है कि अन्न का सम्मान और ध्यान रखना चाहिए। भूलकर भी अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए। साथ ही जितनी भूख हो, उतना ही भोजन परोसना चाहिए। कभी अन्न को फेंकना नहीं चाहिए। अन्न को बरबाद करने से मां अन्नपूर्णा रूष्ट हो जाती हैं। इससे घर की लक्ष्मी भी चली जाती है और घर में दरिद्रता का वास होने लगता है। आइए, इस व्रत के बारे में सबकुछ जानते हैं-

क्या है कथा
पुराणों एवं शास्त्रों में मां अन्नपूर्णा की उत्पत्ति के बारे में विस्तार से बताया गया है। किदवंती है कि एक बार पृथ्वी पर अन्न की कमी हो गई। इससे पृथ्वी पर हाहाकार मच गया। आधुनिक समय में वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में दुनिया को अन्न प्रलय से गुजरना पड़ सकता है। उस समय पृथ्वी वासी ने त्रिदेव की उपासना कर उन्हें अन्न प्रलय की जानकारी दी। इसके पश्चात, आदिशक्ति मां पार्वती और भगवान शिव पृथ्वी लोक पर प्रकट हुए। प्रकृति की अनुपम रचना पर रहने वाले लोगों को दुखी देखकर मां पार्वती ने अन्नपूर्णा का स्वरूप ग्रहण कर भगवान् शिव को दान में अन्न दिया। वहीं, भगवान शिव ने अन्न को पृथ्वी वासियों में वितरित कर दिया। कालांतर में अन्न को कृषि में उपयोग किया। तब जाकर अन्न प्रलय समाप्त हुआ। अतः इस दिन से माता अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।
पूजा विधि
इस दिन प्रातः काल उठकर सबसे पहले माता अन्नपूर्णा को प्रणाम करें। इसके बाद गृह के रसोई का साफ़-सफाई करें। मान्यता है कि जो स्त्री गृह के रसोई को साफ रखती हैं और अन्न का सम्मान करती हैं। उनके घर में मां अन्नपूर्णा वास करती हैं। अब गंगा जल युक्त पानी से स्नान कर माता के लिए पकवान पकाएं। उसके बाद मां अन्नपूर्णा यानी मां पार्वती और भगवान शिवजी की पूजा विधि पूर्वक करें। साथ ही घर में पकें भोजन माता को अर्पित करें। माता को प्रसाद में पुआ-पकवान और भोजन भेंट करें। अंत में आरती अर्चना कर गृह में मां के विराजने की कामना करें। व्रती शारीररिक क्षमता अनुसार दिनभर व्रत रख सकती हैं।

Next Story