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आज है अंगारकी संकष्टी चतुर्थी, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सावन के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर रखा जाता है। सावन की संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज 27 जुलाई दिन मंगलवार को रहेगा। संकष्टी चतुर्थी का व्रत मंगलवार को पड़ने पर इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। अंगारकी चतुर्थी पर गणेश पूजन करने से मंगल दोष को भी समाप्त किया जा सकता है। इसके अलावा सावन का मंगलवार होने के कारण इस दिन मंगला गौरी के व्रत का भी विधान है। इन्हीं संयोग के कारण इस वर्ष सावन की संकष्टी चतुर्थी विषेश फल प्रदान करने वाली है। आइए जानते हैं इसकी सही तिथि, मुहूर्त और पूजन विधि...
व्रत की तिथि और मुहूर्त
सावन की संकष्टी चतुर्थी का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर रखा जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि 27 जुलाई दिन मंगलवार को पड़ रही है। मंगलावार की संकष्टी चतुर्थी होने के कारण इसे अगांरकी चतुर्थी कहा जाता है। सावन की अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त 27 जुलाई को शाम 03 बजकर 54 मिनट से शुरू हो कर 28 जुलाई दोपहर 02 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। अंगारकी चतुर्थी का व्रत 27 जुलाई को रखा जाएगा।
अंगारकी चतुर्थी की पूजा की विधि
मान्यता है कि अंगारकी संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश का पूजन करने से कुण्डली में व्याप्त मंगल दोष समाप्त हो जाता है। इस दिन सबेरे जल में काला तिल डाल कर नहाना चाहिए। इसके बाद उत्तर दिशा में मुखकर गणेश जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। गणेश जी का पूजन सांय काल में करना चाहिए। लाल रंग के आसन पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल आदि समर्पित करें। गणेश जी को लाल सिंदूर से टीका लगाना चाहिए और दूर्वा जरूर अर्पित करें। मंगल दोष की समाप्ति के लिए गणेश जी के साथ हनुमान जी का भी स्मरण करें तथा लाल वस्तुओं का दान करें।