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भगवान श्री विष्णु 4 नवंबर शुक्रवार को प्रबोधिनी एकादशी को निद्रा से जागेंगे। लेकिन इसके बाद भी शादी विवाह में बाधा बनी रहेगी। क्योंकि विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शुक्र लग्न का उदय रहना आवश्यक है। प्रबोधिनी एकादशी के बाद भी शुक्र के अस्त होने के चलते शुभ मुहूर्त नहीं बन रहे है। ऐसे में शहनाई 24 नवम्बर से बजेगी।
नवम्बर और दिसम्बर को मिलाकर सिर्फ विवाह के सिर्फ 14 शुभ मुहूर्त हैं। देवोत्थान/प्रबोधिनी एकादशी के बाद 24 नवम्बर को पहला शुभ मुहूर्त है, जबकि 15 दिसम्बर को अंतिम मुहूर्त है। 16 दिसम्बर से मकर संक्रांति तक के लिए फिर से खरमास के कारण शादी विवाह के साथ मांगलिक कार्यक्रमों पर ब्रेक लग जाएगा। पंडित शरद चन्द्र मिश्र के अनुसार चार माह के शयन के बाद प्रबोधिनी एकादशी को भगवान विष्णु जागृत होते हैं।
नवंबर 2022 के विवाह मुहूर्त-
ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सामान्य दिनों में इस खास दिन से ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार शुक्र के अस्त होने के चलते शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है। प्रबोधिनी एकादशी के बाद पहला शुभ मुहूर्त 24 नवम्बर को है। इसके बाद 25 से लेकर 28 नवंबर तक शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद फिर दिसंबर माह में शादी का शुभ मुहूर्त होगा।