धर्म-अध्यात्म

भगवान शिव ने अपना ज्ञान सबसे पहले किसे दिया था?

Tara Tandi
1 March 2021 6:55 AM GMT
भगवान शिव ने अपना ज्ञान सबसे पहले किसे दिया था?
x
कहते हैं कि भगवान शिव ने सबसे पहले ज्ञान का स्वाद चखा था या कहें कि उन्हें ही सबसे पहले आत्मज्ञान हुआ था।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | कहते हैं कि भगवान शिव ने सबसे पहले ज्ञान का स्वाद चखा था या कहें कि उन्हें ही सबसे पहले आत्मज्ञान हुआ था। इसीलिए उन्हें आदि गुरु, आदिदेव और आदि पुरुष माना जाता है। इस ज्ञान को प्राप्त करने के बाद वह कई दिनों तक आनंद की अवस्था में रहे और फिर उन्होंने यह ज्ञान दूसरों को दिया। सबसे पहले उन्होंने यह ज्ञान किसे दिया?

शिव तो जगत के गुरु हैं। मान्यता अनुसार सबसे पहले उन्होंने अपना ज्ञान सप्त ऋषियों को दिया था। सप्त ऋषियों ने शिव से ज्ञान लेकर अलग-अलग दिशाओं में फैलाया और दुनिया के कोने-कोने में शैव धर्म, योग और ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया। इन सातों ऋषियों ने ऐसा कोई व्यक्ति नहीं छोड़ा जिसको शिव कर्म, परंपरा आदि का ज्ञान नहीं सिखाया गया हो। आज सभी धर्मों में इसकी झलक देखने को मिल जाएगी। परशुराम और रावण भी शिव के शिष्य थे।

शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत ‍की थी जिसके चलते आज भी नाथ, शैव, शाक्त आदि सभी संतों में उसी परंपरा का निर्वाह होता आ रहा है। आदि गुरु शंकराचार्य और गुरु गोरखनाथ ने इसी परंपरा और आगे बढ़ाया।

सप्त ऋषि ही शिव के मूल शिष्य : भगवान शिव ही पहले योगी हैं और मानव स्वभाव की सबसे गहरी समझ उन्हीं को है। उन्होंने अपने ज्ञान के विस्तार के लिए 7 ऋषियों को चुना और उनको योग के अलग-अलग पहलुओं का ज्ञान दिया, जो योग के 7 बुनियादी पहलू बन गए। वक्त के साथ इन 7 रूपों से सैकड़ों शाखाएं निकल आईं। बाद में योग में आई जटिलता को देखकर पतंजलि ने 300 ईसा पूर्व मात्र 200 सूत्रों में पूरे योग शास्त्र को समेट दिया। योग का 8वां अंग मोक्ष है। 7 अंग तो उस मोक्ष तक पहुंचने के लिए है।

Next Story