धर्म-अध्यात्म

पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती के लिए चाणक्य की इन बातों का रखें ध्यान

Rani Sahu
5 Feb 2022 11:05 AM GMT
पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती के लिए चाणक्य की इन बातों का रखें ध्यान
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आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) को एक बेहतरीन लाइफ कोच के रूप में जाना जाता है

आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) को एक बेहतरीन लाइफ कोच के रूप में जाना जाता है. कौटिल्य के नाम से पुकारे जाने वाला आचार्य चाणक्य दुनियाभर में अपनी नीतियों को लेकर मशहूर हैं. कहते हैं कि महान रणनीतिकार माने जाने वाले चाणक्य की नीतियों के बल नंद वंश का नाश हुआ था और उनकी ही नीतियों की मदद से साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) मगध के सम्राट बन पाए. चाणक्य को केवल राजनीति ही नहीं समाज (Society) के भी हर एक विषय की गहराई से जानकारी और परख थी. आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना भी की है, जिसमें उन्होंने समाज के लगभग हर एक विषयों से संबंधित जरूरी बातों का जिक्र किया है.

आचार्य चाणक्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में दांपत्य जीवन के लिए भी कई ऐसी बातों का उल्लेख किया गया है, जो आज के समय में भी प्रासंगिक हैं. हम आपको चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन को किस तरह व्यतीत करना चाहिए ये बताने जा रहे हैं. जानें
धोखा
चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में उल्लेख किया है कि धोखा देना जहर के समान होता है. पति-पत्नी ही नहीं किसी भी रिश्ते में धोखा नहीं आना चाहिए. पति-पत्नी को अपने रिश्ते में मजबूती लानी है, तो जीवन में कभी ऐसा काम न करें, जो धोखा देने के समान हो.
झूठ
चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि पति और पत्नी के रिश्ते में झूठ की कोई गुंजाइश नहीं होती. एक बार रिश्ते में झूठ की सच्चाई सामने आ जाए, तो रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है और इसलिए झूठ से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है. पति-पत्नी को एक-दूसरे के लिए समर्पित होना चाहिए.
सर्वोपरि
अक्सर रिश्ते में लोग एक-दूसरे से खुद को ऊपर समझने लगते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार दांपत्य जीवन में ये व्यवहार एक बड़ी गलती के समान होता है. पति और पत्नी को हमेशा एक-दूसरे को समान समझना चाहिए और ऐसा करने पर रिश्ते में मिठास बनी रहती है.
क्रोध
आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध किसी भी रिश्ते को इस कदर कमजोर बना सकता है कि उसके बचने के आसार बहुत कम हो जाते हैं. दांपत्य जीवन में पति या पत्नी को अपने क्रोध पर सदैव काबू रखना चाहिए. दरअसल, गुस्से में किया गया दुर्रव्यवहार चीजों को फिर से सामान्य नहीं होने देता. इसलिए क्रोधित होने के बजाय सोच और समझकर किसी भी हालात में व्यवहार करना सीखें.
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