धर्म-अध्यात्म

जीवन में धन की कमी दूर करने के लिए शुक्रवार के दिन इस विधि से करें पूजा और ये आरती

Kajal Dubey
10 Feb 2022 11:02 AM GMT
जीवन में धन की कमी दूर करने के लिए शुक्रवार के दिन इस विधि से करें पूजा और ये    आरती
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लक्ष्मी जी को शास्त्रों में सुख-समृद्धि और वैभव की देवी माना गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Lakshmi ji : लक्ष्मी जी को शास्त्रों में सुख-समृद्धि और वैभव की देवी माना गया है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी को समर्पित है. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन यदि विधि पूर्वक और श्रद्धाभाव से लक्ष्मी जी की पूजा की जाए तो जीवन में धन की कमी दूर होती है. समृद्धि आती हैं और सम्मान में भी वृद्धि होती हैं.

11 फरवरी 2022 का पंचांग (11 february 2022 panchang)
पंचांग के अनुसार 11 फवरी 2022, शुक्रवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. जो दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. इस दिन मृगशिरा नक्षत्र और वैधृति योग रहेगा.
लक्ष्मी पूजन 2022 (Laxmi Pooja)
शुक्रवार को दोपहर से एकादशी की तिथि शुरु होगी. लक्ष्मी जी की पूजा शुभ और शाम के समय करना उत्तम माना गया है. दशमी की तिथि भी पूजा पाठ के लिए शुभ मानी गई है. यादि इस दिन सुबह और शाम के समय में लक्ष्मी जी की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है. एकादशी की तिथि में लक्ष्मी पूजन को विशेष माना गया है.
जया एकादशी 2022 (jaya ekadashi 2022)
माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है. एकादशी व्रत को सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है. जया एकादशी का व्रत 12 फरवरी 2022, शनिवार को रखा जाएगा.
लक्ष्मी जी की पूजा की विधि
शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. इस दिन लक्ष्मी जी की प्रिय चीजों को भोग लगाना चाहिए. शाम के समय घर के मुख्य दरवाजे पर घी का दीपक जलाना चाहिए और इस आरती का पाठ करना चाहिए.
लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti)
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता।
सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता।
खान पान का वैभव सब तुमसे आता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता।।
ओम जय लक्ष्मी माता।
लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
लक्ष्मी मंत्र (laxmi mantra)
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:
लक्ष्मी नारायण नम:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:


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